नई दिल्ली : प्रमुख घरेलू इस्पात विनिर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और कोल्ड रोल्ड कॉयल (सीआरसी) के दाम क्रमश: 4,000 रुपये और 4,900 रुपये प्रति टन तक बढ़ दिये हैं। उद्योग सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस मूल्य वृद्धि के बाद, एक टन एचआरसी की कीमत 70,000-71,000 रुपये होगी, जबकि खरीदारों को सीआरसी 83,000-84,000 रुपये प्रति टन के दाम पर मिलेगी।
एचआरसी और सीआरसी इस्पात की चादरें होतीं है जिनका उपयोग ऑटो, उपकरणों और निर्माण क्षेत्र जैसे उद्योगों में किया जाता है। इसलिए, इस तरह के इस्पात की कीमतों में कोई भी वृद्धि, वाहनों, उपभोक्ता वस्तुओं और निर्माण की लागत को भी प्रभावित करती है। इन क्षेत्रों के लिए यह कच्चा माल का काम करता है। सेल, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, जेएसपीएल और एएमएनएस इंडिया देश की प्रमुख इस्पात कंपनियां हैं। ये कंपनियां संयुक्त रूप से भारत के कुल इस्पात उत्पादन में लगभग 55 प्रतिशत का योगदान करती हैं।
संपर्क करने पर, सेल के एक अधिकारी ने कहा कि यह बाजार द्वारा संचालित होता है। उन्होंने आगे कोई टिप्पणी नहीं की। जेएसडब्ल्यू स्टील ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन जेएसपीएल के एक अधिकारी ने कहा कि कच्चे माल की लागत बढ़ने से वैश्विक बाजार में इस्पात की कीमतें बढ़ी हैं। भारतीय लौह अयस्क की कीमत भी 4000 रुपए प्रति टन बढ़ी है। इससे इस्पात की कीमतों पर असर पड़ रहा है।
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