Tata vs Mistry: सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री पर दिए NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

Tata vs Mistry Case: टाटा संस और साइरस मिस्त्री के केस में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी है। एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया था।

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Tata vs Mistry: टाटा संस और साइरस मिस्त्री मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस और साइरस मिस्त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी है। एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस ग्रुप का कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाली का आदेश दिया था। एनसीएलएटी के इस फैसले के खिलाफ टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था।

इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी। टाटा संस ने  राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 दिसंबर को दिए अपने फैसले में एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को बड़ा राहत देते हुए उन्हें टाटा समूह के चेयरमैन के पद पर बहाल करने का आदेश दिया था।

एनसीएलएटी ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि 110 अरब डॉलर की टाटा समूह की कंपनियों के प्रमुख के रूप में एन. चन्द्रशेखरन की नियुक्ति गैरकानूनी है।

हालांकि दूसरी ओर साइरस मिस्त्री ने हाल में दिए एक बयान में कहा था कि वह टाटा समूह में वापस जाने के इच्छुक नहीं हैं और फैसल ग्रुप के हित में लिया गया था। मिस्त्री ने कहा था, 'इस संबंध में चल रही गलत सूचनाओं को खारिज करने के लिए मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अधिकरण का फैसला मेरे पक्ष में आने के बावजूद, मैं टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन या टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज या टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद पर दावा नहीं करुंगा।'

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