करोड़ों की लॉटरी,ऑनलाइन गेम जीतने पर कटता है भारी टैक्स,जानें विजेता को कितना मिलता है पैसा

Tax On Lottery and Online Games: इस समय भारत के 13 राज्यों में लॉटरी वैध है। जबकि दूसरे राज्यों ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। साल 2015 सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि लॉटरी पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं, ये राज्य सरकारें खुद तय कर सकती हैं। 

KERALA LOTTERY WINNER
लॉटरी जीतने पर कितना कटता है टैक्स  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • जिन लोगों ने भी ऑनलाइन गेम, बेटिंग या फिर लॉटरी से कमाई की है, उन लोगों को ITR में इसका जिक्र करना जरूरी है।
  • लॉटरी से जीती गई रकम को स्पेशल इनकम माना जाता है और वह 30 फीसदी इनकम टैक्स के दायरे में आती है।
  • कई वेबसाइट्स हैं जो इंटरनेशनल लॉटरी खेलने का मौका देती। लेकिन ये सभी साइट्स वैध हों, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है।

Tax On Lottery and Online Games: केरल में ऑटो रिक्शा चालक अनूप की रविवार को किस्मत खुल गई। उन्होंने 25 करोड़ रुपये की ओणम बंपर लॉटरी जीती है। अब अनूप को टैक्स देनदारी के बाद 15-16 करोड़ रुपये मिलेंगे। यानी लॉटरी की 30 फीसदी से थोड़ी ज्यादा रकम, टैक्स देने में चली जाएगी।  अनूप को अब ITR भी भरना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो उन पर पेनॉल्टी भी लग सकती है। साफ है अनूप को एक बड़ी रकम टैक्स के रूप में देनी पड़ेगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि लॉटरी, ऑनलाइन गेमिंग से जीती गई रकम पर टैक्स के क्या नियम हैं, और भारत में किन राज्यों में लॉटरी खेली जा सकती है।

30 फीसदी है टैक्स

इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की वेबसाइट के अनुसार अगर कोई व्यक्ति लॉटरी, ऑनलाइन गेम या किसी प्रतिस्पर्धा में ईनाम जीतता है तो उसे 30 फीसदी टैक्स देना होता है। आम तौर पर, जीती गई रकम की राशि टैक्स की कटौती करने के बाद ही विजेता को दी जाती है। यानी विजेता को जीती गई रकम में टैक्स काटने के बाद बची राशि मिलती है।

क्लीयर टैक्स द्वारा ऑनलाइन दी गई जानकारी के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 10 हजार रुपये से ज्यादा की रकम जीतता है तो उसे इनकम टैक्स के  194B सेक्शन के तहत कुल  31.2 फीसदी टीडीएस (सेस और सरचार्ज सहित) चुकाना पड़ता है। 

इसमें एक बात समझने वाली बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति की सामान्य इनकम इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है, तो भी  उसे लॉटरी, ऑनलाइन गेम से जीती गई रकम पर 30 फीसदी का टीडीएस चुकाना होगा।

अगर ईनाम में जीती गई रकम कार या दूसरी वस्तु है, तो भी टैक्सदेनदारी बनेगी। और टैक्स की रकम वस्तु की बाजार के वैल्यू के आधार पर काट ली जाएगी।

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ITR भी भरना जरूरी

इसी तरह इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार सीबीडीटी चेयरमैन नितिन गुप्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि जिन लोगों ने भी ऑनलाइन गेम, बेटिंग या फिर लॉटरी से कमाई की है, उन लोगों को आईटीआर में इसका जिक्र करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें भारी पेनॉल्टी देनी पड़ेगी। जिन लोगों ने 2021-21 एसेसमेंट ईयर में इसका जिक्र नहीं किया है, इसके लिए ITR-U फाइल किया जा सकता है। इसे 31 दिसंबर 2022 तक भरा जा सकेगा।

13 राज्यों में लॉटरी वैध

इस समय भारत के 13 राज्यों में लॉटरी वैध है। जबकि दूसरे राज्यों ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। साल 2015 सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि लॉटरी पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं, ये राज्य सरकारें खुद तय कर सकती हैं। राज्यों के पास अपने भौगोलिक क्षेत्र में लॉटरी को नियंत्रित करने का अधिकार है। 1998 के कानून के अनुच्छेद 5 के तहत एक राज्य अपने राज्य के दायरे में अन्य राज्यों की लॉटरी को भी प्रतिबंधित कर सकता है। भाग लेने के लिए न्यूनतम उम्र18 वर्ष होनी चाहिए । साथ ही व्यक्ति उस राज्य का निवासी होना चाहिए।

सिंगल डिजिट लॉटरी प्रतिबंधित

भारत में 1998 के केंद्रीय कानून के अनुसार लॉटरी को रेग्युलेट किया जाता है। पहली बार 1998 में यह कानून लाया गया कि कोई भी राज्य सिंगल डिजिट वाली लॉटरी नहीं इस्तेमाल करेगा। साथ  ही राज्यों को अधिकार दिया गया कि वह अपनी आधिकारिक लॉटरी चला सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकारें लॉटरी के टिकट पर इस तरह अपना Logo लगाएंगी जिससे उसकी वैधता साबित हो सके। इसी तरह राज्य सरकारें या तो टिकट खुद बेचेगी या फिर रजिस्टर किए हुए डिस्ट्रीब्यूटर और एजेंट्स इसे बेच सकेंगे। लॉटरी के टिकटों की बिक्री से होने वाला पैसा राज्य के पब्लिक अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा। सभी लॉटरियों के ड्रॉ राज्य सरकार ही कराएंगी।

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