Union Budget 2022: अब पूरा होगा अटल बिहारी वाजपेयी का सपना, मिटेगी बुंदेलखंड की 'धरती' की बरसों पुरानी 'प्यास' 

बिजनेस
नवीन चौहान
Updated Feb 02, 2022 | 08:29 IST

भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी ने ढाई दशक पहले नदियों को जोड़ने का जो सपना देखा था वो अब पूरा होने जा रहा है। केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना जल्दी ही मूर्त रूप लेगी। वित्त मंत्री ने इसका बजट भाषण में ऐलान कर दिया है। 

Narendra-Modi-AB-Vajpayee
नरेंद्र मोदी और अटल विहारी वायपेयी 
मुख्य बातें
  • आम बजट में वित्त मंत्री ने जारी की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए आवंटन
  • पूरा होगा अटल बिहारी वाजपेयी का अधूरा सपना, बुंदेलखंड़ की धरती की मिटेगी प्यास
  • 221 किमी लंबी लिंक नहर के जरिए जुड़ेगी केन और बेतवा नदी, 8 साल में पूरा होगा काम

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने देश की नदियों को जोड़ने का सपना देखा था वो पूरे होने के कगार पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को चौथी बार आम बजट पेश किया तो उन्होंने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने के लिए 44,605 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया। 

9.08 लाख हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित, 62 लाख को मिलेगा पीने का पानी 
वित्त मंत्री ने बताया कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के पूरा होने से बुंदेलखंड क्षेत्र की 9.08 लाख हेक्टेयर भूमि में सिचाई की सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। इसके अलावा इस परियोजना से 103 मेगावाट हाइड्रो पॉवर और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।  केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 4300 करोड़ रुपये( संशोधित अनुमान) और 2022-23 में 1400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 

पांच अन्य योजनाओं की तैयार है डीपीआर
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ये भी बताया कि पांच अन्य नदी जोड़ परियजनाओं (रिवर लिंक्स) की डीपीआर यानी डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जिसमें दमनगंगा-पिनजार, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी शामिल हैं। अगर इन योजनाओं के लिए राज्यों की बीच सहमति बन जाती है तो केंद्र सरकार इनके क्रियान्वयन के लिए सहायता राशि जारी कर देगी। राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) की नदियों को जोड़ने की पूरे देश में 31 परियोजनाओं की योजना है। 

221 किमी लंबी है केन-बेतवा परियोजना
केन और बेतवा दोनों ही यमुना की सहायक नदिया हैं। दोनों नदियों को जोड़ने की परियोजना में केन नदी से बेतवा में स्थानांतरित करने की परिकल्पना है। यह परियोजना आठ वर्षों में पूरी होगी। यह नदी जोड़ो परियोजना का मूर्त रूप लेने वाली देश की पहली योजना है। इसका काम 8 साल में 2 चरण में पूरा होगा। केन के साथ बेतवा को जोड़ने वाली लिंक नहर 221 किमी लंबी होगी। इसमें 2 किमी लंबी सुरंग शामिल है। केंद्र सरकार इस परियोजना का 90 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। जो कि तकरीबन 45 हजार करोड़ रुपये है।

बुंदेलखंड़ के 13 जिलों को मिलेगी सूखे से आजादी
केन-बेतवा परियोजना बुंदेलखंड में है। बुंदेलखंड एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है जिसका विस्तार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिलों में है। गर्मी के दिनों में तकरीबन हर साल यहां के लोगों को सूखे का सामना करना पड़ता है। नदियों के जोड़े जाने से सूखे की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। इस परियोजना के पूरा होने से मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छत्तरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा और शिवपुरी जिलों को फायदा होगा। वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी व ललितपुर जिलों में विकास की बयार बहेगी। 

22 मार्च 2021 को हुआ था जल-बटवारे पर समझौता
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनाथ ने पानी के बटवारे के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके साथ ही इस परियोजना को मूर्त रूप देने की सबसे मुश्किल अड़चन दूर हो गई थी। अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में जब देश की 37 नदियों को आपस में जोड़ने का फैसला किया गया था तो उसमें केन-बेतवा को जोड़ने की परियोजना भी शामिल थी। अटल बिहारी वाजपेयी के देहांत के बाद जल्दी ही यह परियोजना जमीन पर उतरने जा रही है। इसके पूरा होते ही बुंदेलखंड की धरती की सालों पुरानी प्यास बुझ जाएगी। 

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