नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Mod) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के दूरसंचार विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं (5G services) प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा। आधिकारिक बयान में कहा गया कि सरकार जुलाई के अंत तक 20 सालों की वैधता वाले कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज (MHz) स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। स्पेक्ट्रम के लिए सरकार ने एडवांस पेमेंट की आवश्यकता को भी खत्म कर दिया है। सफल बोलीदाता 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 20 ईएमआई में पेमेंट कर सकते हैं।
नीलामी कई लो फ्रीक्वेंसी बैंड (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), मिड फ्रीक्वेंसी बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज) और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड (26 गीगाहर्ट्ज) में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी।
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कैबिनेट ने ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर, कृषि, ऊर्जा और अन्य सेक्टर्स में मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे न्यू एज के इंडस्ट्री एप्लीकेशन में इनोवेशन की लहर को बढ़ावा देने के लिए 'प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स' के विकास और स्थापना को सक्षम करने का भी निर्णय लिया है।
20 किस्तों में कर सकते हैं पेमेंट
टेलिकॉम सेक्टर में सुधारों की गति को जारी रखते हुए, मंत्रिमंडल ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी के संबंध में विभिन्न प्रगतिशील विकल्पों की भी घोषणा की। पहली बार सफल बोलीदाताओं द्वारा एडवांस पेमेंट करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। स्पेक्ट्रम के लिए वे पेमेंट 20 समान किस्तों में कर सकते हैं। बोलीदाताओं को भविष्य की देनदारियों के बिना 10 सालों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
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