US budget deficit at all-time high : अमेरिका का बजट घाटा इतिहास में सबसे अधिक ऊंचाई पर

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भाषा
Updated Jul 14, 2020 | 12:24 IST

America's budget deficit : अमेरिका का बजट घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह के दौरान कुल मिलाकर 2,740 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। 

US budget deficit at all-time high of $ 864 billion in June
अमेरिका का बजट घाटा जून में सर्वकालिक ऊंचाई पर (तस्वीर-Pixabay) 
मुख्य बातें
  • अमेरिका को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ा
  • लाखों नौकरियों के चले जाने से अमेरिका का टैक्स राजस्व घट गया
  • जून महीने में घाटा बढ़कर 864 अरब डॉलर पर पहुंच गया 

US budget deficit : अमेरिका की संघीय सरकार को इस साल जून महीने में इतिहास के सबसे बड़े बजट घाटे का सामाना करना पड़ा है। सरकार को एक तरफ कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिये ज्यादा खर्च करना पड़ा तो दूसरी तरफ लाखों नौकरियों के चले जाने से उसका कर राजस्व घट गया। अमेरिका के राजकोषीय विभाग ने सोमवार को बताया कि पिछले महीने घाटा बढ़कर 864 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 

यह आंकड़ा अमेरिका के इतिहास के कई वार्षिक घाटे से भी अधिक है। इससे पहले अप्रैल माह में अमेरिका को 738 अरब डॉलर का मासिक घाटा हुआ। अमेरिकी कांग्रेस ने कोरोना वायरस के प्रभाव से निपटने के लिए पहले ही अरबों डॉलर की राशि उपलब्ध कराई है।

अमेरिका का बजट घाटा चालू वित्त वर्ष के (एक अक्टूबर 2019 से) पहले नौ माह के दौरान कुल मिलाकर 2,740 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। नौ माह की इस अवधि के लिए यह घाटा एक रिकॉर्ड है। इस हिसाब से पूरे साल का घाटा 3,700 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अमेरिका की कांग्रेस यानी संसद ने वर्ष के दौरान बजट घाटा इस स्तर तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया है।

अमेरिका का यह बजट घाटा उसके वर्ष 2009 के पिछले सालाना रिकॉर्ड 1,400 अरब डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक होगा। उस समय छाई मंदी के दौरान अमेरिकी सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने के लिए भारी खर्च किया था।

अमेरिकी सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लागू किया जिससे कई लोग बेरोजगार हो गए। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए। बेरोजगारों को 600 डॉलर प्रति सप्ताह का अतिरिक्त लाभ दिया गया और कंपनियों को उनके कर्मचारियों के लिए वेतन संरक्षण सुविधा दी गई ताकि उन्हें नौकरी में बरकरार रखा जाए। इसे पे-चेक सुरक्षा कार्यक्रम का नाम दिया गया जिसपर जून माह में 511 अरब डॉलर खर्च हुए।

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