नई दिल्ली: केंद्र सरकार लगातार ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'नवाचार और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की मदद से खादी एवं ग्रामोद्योग में अगले पांच सालों में पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने की क्षमता है।' इसमें डेनिम, शहद और रूमाल जैसे अन्य उत्पाद शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार शहद को बढ़ावा देने के प्लान पर काम कर रही है। इससे शहद की मांग बढ़ सकती है।
खादी एवं ग्रामउद्योग आयोग ने पिछले दो वर्ष में देश के ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालने के लिए एक लाख से अधिक बक्से बांटे हैं। आयोग मधुमक्शी पालन को बढ़ावा देने के लिए हनी मिशन पर काम कर रहा है। आयोग की वेबसाइट पर मधुमक्खी पालन से जुड़ी तमाम प्रकार की जानकारी दी गई हैं। इसका लाभ उठाकर कारोबार शुरू किया जा सकता है।
खादी ग्रामोद्योग विभाग ने हनी मिशन की शुरुआत की है। इसके जरिए किसानों और ग्रामीण इलाके के लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। इस योजना का लाभ उठाकर मधुमक्खी पालन कर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है। नई तकनीक की मदद से शहद निकालते वक्त अब मधुमक्खियां नहीं मरतीं। इसका इस्तेमाल मोम और पॉलन बनाने में भी होता है।
खादी ग्रामउद्योग विभाग इस परियोजना के तहत अनुदान प्रदान कर रहा है। ये मदद उद्योग की यूनिट स्थापित करने के लिए की जा रही है। 10 बक्सों की यूनिट लगाने पर सरकार 80 फीसदी का अनुदान प्रदान कर रही है जबकि 20 फीसदी किसान को लगाना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मधुमक्खी पालन के 10 बॉक्स की यूनिट का खर्च लगभग 35 हजार रुपये आता है। जिसमें लगभग 28 हजार रुपये सरकार की ओर से मिलता है।
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