पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट ऑथरिटी (PFRDA) जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को मैनेज करता है। उसने अपने ग्राहकों के लिए अपने बैंक खातों से रुपए ट्रांसफर करना आसान बना दिया। इस नई सुविधा ने एनपीएस में निवेश करना आसान बना दिया, जिससे एनपीएस ग्राहक अपने निवेश के लिए सेम डे का एनएवी प्राप्त कर सके। एनपीएस निवेशक अपने बैंक खातों से म्यूचुअल फंड सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की तरह रेगुलर भुगतान भी कर सकता है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारत के नागरिकों को बुढ़ापे की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई एक पेंशन सह निवेश स्कीम है। यह सुरक्षित और रेगुलेटेड मार्केट बेस्ड रिटर्न के माध्यम से प्रभावी रूप से अपनी रिटायरमेंट योजना बनाने के लिए एक आकर्षक लॉन्ग टर्म बचत राजस्व का इंतजाम करता है। पीएफआरडीए द्वारा स्थापित नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) एनपीएस के तहत सभी असेट्स का रजिस्टर्ड मालिक है। कोई भी भारतीय नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) 18-65 वर्ष (एनपीएस आवेदन जमा करने की तिथि के अनुसार) एनपीएस में शामिल हो सकता है।
डी-रीमिट सुविधा के माध्यम से, एनपीएस ग्राहक एनईएफटी या आरटीजीएस के माध्यम से उसी दिन अपने बैंक खातों से सीधे एनपीएस खातों में रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं और सेम डे एनएवी प्राप्त कर सकते हैं। डी-रेमिट न केवल ग्राहकों द्वारा स्वैच्छिक योगदान की राशि जमा करने के तरीके को आसान बनाता है, बल्कि निवेश पर सेम डे एनएवी प्रदान करके निवेश रिटर्न का अनुकूलन भी बनाएगा अगर योगदान किसी भी बैंक में शनिवार, रविवार और सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर दिन में सुबह 8.30 बजे ट्रस्टी बैंक से प्राप्त होता है। इसके अलावा, डी-रेमिट किसी ग्राहक को नेट बैंकिंग में ऑटो डेबिट/स्थायी निर्देशों के माध्यम से व्यवस्थित निवेश करने में सक्षम बनाता है जिसके द्वारा समय-समय पर और नियमित योगदान को डेली, मंथली, क्वाटर्ली बनाया जा सकता है। डी रेमिट का न्यूनतम मूल्य टियर I और टियर II दोनों खातों में प्रति लेनदेन 500 रुपए है। वर्चुअल आईडी टियर I और टियर II के लिए अद्वितीय हैं।
सेम डे NAV प्राप्त करने के लिए, डायरेक्ट रेमिटेंस (D-Remit) को मध्यस्थ (सेवा प्रदाता) खाते के जरिए जाने के बजाय ट्रस्टी बैंक (वर्तमान में एक्सिस बैंक) में ले जाना है। किसी ग्राहक को केवल डी-रीमिट सुविधा का उपयोग करने के लिए ट्रस्टी बैंक के साथ एक वर्चुअल आईडी (खाता) होना चाहिए। ट्रस्टी बैंक के साथ वर्चुअल अकाउंट का उपयोग केवल एनपीएस योगदान को रीमिटिंग के लिए किया जा सकता है।
नेट एसेट वैल्यू (NAV) किसी फंड की यूनिट की कीमत है। एनएवी की गणना प्रत्येक वर्किंग डे के अंत में की जाती है। इसकी गणना फंड के पोर्टफोलियो (इसकी संपत्ति) में सभी प्रतिभूतियों और नकदी के मूल्य को जोड़कर की जाती है, फंड की देनदारियों को घटाया जाता है, और फंड द्वारा जारी की गई यूनिट्स की संख्या से उस संख्या को विभाजित किया जाता है। एनएवी बढ़ता है (या घटता है) जब फंड की वैल्यू बढ़ती है (या घटती है)।
डी-रीमिट को सीआरए सिस्टम तक पहुंचने और उनके पीआरएएन से जुड़ी वर्चुअल आईडी बनाने की आवश्यकता होगी। वर्चुअल आईडी का पोस्ट-ऑथोराइज्शन, सब्सक्राइबर अपने नेट बैंकिंग में लॉग-इन कर सकते हैं और एक लाभार्थी के रूप में जेनरेट की गई वर्चुअल आईडी को अपने स्वैच्छिक योगदान के लिए NEFT/RTGS/IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए IFSC कोड UTIB0CCH274 के साथ जोड़ सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से फंड ट्रांसफर के लिए सब्सक्राइबर को डी-रीमिट के लिए एनपीएस योगदान के बारे में लिखना चाहिए।
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