RBI के बारे में जानिए सबकुछ, इसके क्या कार्य हैं और इसका क्या महत्व है?

देश की हर आर्थिक गतिविधियों में भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) की अहम भूमिका होती है। आइए जानते हैं आरबीआई के बारे में सबकुछ।

What is RBI, how does it work and what is its importance?
भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य   |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के तहत एक अप्रैल 1935 में इसकी स्थापना 5 करोड़ की पूंजी से हुई थी
  • देश की आजादी के बाद एक जनवरी 1949 रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया
  • आजादी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार विकास होता गया, रिजर्व बैंक की भूमिका भी बढ़ती गई

भारत समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन किया है। लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाने से देश भर में लाखों लोगों का रोजगार संकट में पड़ गया है। इसको देखते हुए सरकार ने जरूरतमंदों के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज का ऐलान किया। इस हालात में भारतीय रिर्जव बैंक ने भी आम लोगों के लिए कई घोषाएं की हैं। देश की हर आर्थिक गतिविधियों में भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) की अहम भूमिका होती है। आइए हम जानते हैं रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्या है और इसका क्या काम है।

ऐसे हुई आरबीआई की स्थापना
आजादी से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में एक केंद्रीय बैंक की जरूरत महसूस हुआ। उसके बाद इंडियन करंसी एंड फाइनैंस से संबंधित रॉयल कमिशन ने 1926 में बैंक बनाने का सुझाव दिया। इस कमिशन को हिल्टन यंग कमिशन के नाम से भी जाना जाता था। इसका उद्देश्य देश भर में बैंकिंग सुविधा मुहैया कराना था। इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 के तहत एक अप्रैल 1935 में इसकी स्थापना 5 करोड़ की पूंजी से हुई। यह कुछ व्यक्तियों के हाथों में केंद्रित था। इसलिए देश की आजादी के बाद एक जनवरी 1949 रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। इससे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है।

 भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य 
आजादी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार विकास होता गया। रिजर्व बैंक की भूमिका भी बढ़ती गई। जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र का स्वरूप बदलता रहा वैसे-वैसे इस केंद्रीय बैंक की भूमिकाओं और कामकाज में बदलाव होता गया। आरबीआई विकास से जुड़े कई काम करता है। इन काम में क्लयरिंग हाउस का काम, कृषि क्रेडिट की व्यवस्था करना, आर्थिक आंकड़े इकट्ठा करना और प्रकाशित करना, सरकारी सेक्युरिटीज, व्यापारिक बिलों का खरीद-बिक्री करना, लोन देना, कीमती वस्तुओं का खरीद-बिक्री करने का काम करता है। आइए जानते हैं भारतीय रिजर्व बैंक के और महत्वपूर्ण काम क्या-क्या हैं।

बैंकों के बैंक की तरह काम करना- भारतीय रिजर्व बैंक देश के अन्य बैंकों के लिए वही काम करता है। जो अन्य बैंक अपने कस्टमर के लिए करते हैं। यह कॉमर्शियल बैंकों का बैंकर ही नहीं बल्कि अंतिम कर्जदाता भी है।

सरकार के लिए बैंकर के तौर पर काम करना- आरबीआई का दूसरा सबसे बड़ा काम सरकार के बैंकर, एजेंट और सलाहकार के तौर पर काम करना है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के सभी बैंकिंग काम को पूरा करता है। सरकार को आर्थिक और मोनेटरी पॉलिसी के मामलों में सलाह देता है। सरकार के लिए सार्वजनिक लोन की व्यवस्था भी करता है।

नोटों जारी करना- आरबीआई को एक रुपए के सिक्के या नोटों और छोटे सिक्कों को छोड़कर देश में अलग-अलग मूल्य के नोट जारी करने का एकाधिकार प्राप्त है। हालांकि एक रुपए के नोट और सिक्कों, छोटे सिक्कों को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर देश भर में वितरण करता है।

क्रेडिट कंट्रोल- रिजर्व बैंक, कॉमर्शियल बैंक के क्रेडिट की मात्रा और दिशा पर कंट्रोल करने का काम भी करता है। 

फोरेन एक्सचैंज कंट्रोल- रुपए के एक्सचेंज मूल्य को स्थिर बनाए रखने के लिए आरबीआई विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री करता है। साथ ही देश के फोरेन एक्सचेंज फंड का संरक्षण करता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम- आरबीआई अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत की सदस्यता के बारे में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर भी काम करता है।

आरबीआई का संचालन
भारतीय रिजर्व बैंक के मैनेजमेंट और डायरेक्शन का काम 20 सदस्यों का सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा किया जाता है। इसमें एक गवर्नर होता है और चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। एक वित्त मंत्रालय द्वारा अप्वाइंडेट सरकारी अधकारी और भारत सरकार द्वारा नॉमनेट 10 डायरेक्टर होते हैं। ये देश के आर्थिक पहुलओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। और चार डायरेक्टर लोकल बोर्ड का प्रतिनिधित्व के लिए केंद्र सरकार नॉमनेट करती है। सेंट्रल बोर्ड के अलावा चार लोकल बोर्ड भी हैं। जिनके मेन ऑफिस मुंबई, दिल्ली, कोलकाता चेन्नई में है। रिजर्व बैंक का मुख्यालय मुंबई में है। लोकल बोर्डों के पांच सदस्य होते हैं। ये चार साल के लिए नियुक्त किए जाते हैं। 


 

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