जब Rahul Bajaj के नाम को लेकर नेहरू से नाराज हो गईं थी इंदिरा, रोचक है लव मैरिज की भी स्टोरी

बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में उनके आवास पर निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। राहुल बजाज ने बजाज ऑटो में गैर-कार्यकारी निदेशक और चेयरमैन पद से पिछले वर्ष 30 अप्रैल को इस्तीफा दिया था

When Indira got angry with Nehru about Rahul Bajaj's name, the story of love marriage is interesting too
जब राहुल बजाज के नाम को लेकर नेहरू से नाराज हो गईं थी इंदिरा  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • शनिवार को हुआ था बजाज समूह के मानद चेयरमैन राहुल बजाज का निधन
  • राहुल बजाज ने ही बजाज ग्रुप को लोगों के घर घर तक पहुंचाया
  • राहुल बजाज के नाम और शादी को लेकर सामने आई रोचक बात

Rahul Bajaj Profile: 'हमारा बजाज' के नारे से दुपहिया स्कूटर को घर-घर लोकप्रिय बनाने वाले मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज का शनिवार को 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 10 जून 1938 जन्मे राहुल बजाज स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे जो गांधी जी के बेहद करीबी थे। जमनलाल बजाज ने ही 1926 में बजाज ग्रुप की नींव रखी थी। जमनलाल बजाज और तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के घनिष्ठ संबंध थे और दोनों परिवारों का एक दूसरे के यहां आना जाना लगा रहता था।

नामों की अदला बदली

राहुल बजाज के नाम को लेकर एक किस्सा बेहद मशहूर है। कहा जाता है कि 1938 में जब कमलनयन बजाज का बेटा हुआ तो इसकी खबर जवाहर लाल नेहरू को दी गई और उन्होंने बेटे का नाम राहुल बजाज रख दिया। बाद में ये बात इंदिरा गांधी को पता चली तो वह नाराज हुई क्योंकि वह अपने बेटे का नाम राहुल रखना चाहती थी जिसके बाद उन्होंने राहुल की जगह राजीव नाम रखा। वहीं जब राहुल बजाज के घर में बेटे का जन्म हुआ तो उन्होंने इंदिरा के बेटे के नाम पर अपने बेटे का नाम राजीव बजाज रख दिया, यानि एक तरह से नामों की अदला बदली की गई।

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लव मैरिज का रोचक किस्सा

राहुल बजाज की शादी को लेकर भी एक रोचक किस्सा है। 1961 में जब राहुल बजाज की शादी रूपा बजाज से हुई थी। एक साक्षात्कार के दौरान राहुल बजाज ने बताया था कि उन्होंने जो भी मुकाम अपनी जिंदगी में हासिल किया वो रूपा बजाज के सहयोग से किया। उन्होंने बताया की दोनों की लव मैरिज थी। बजाज मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखते थे जबकि रूपा घोलप मराठी ब्राह्मण परिवार से आती थीं। रूपा को उस समय मराठी क्वीन कहा जाता था।

समूह का किया शानदार नेतृत्व

 राहुल बजाज ही वो शख्स थे जिन्होंने ऑटोमोबाइल, जनरल बीमा तथा जीवन बीमा, निवेश एवं उपभोक्ता फाइनेंस, घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रिक लैंप, पवन ऊर्जा, स्टेनलेस स्टील जैसे क्षेत्रों में कारोबार करने वाले बजाज समूह का नेतृत्व किया।उन्होंने बजाज समूह के कारोबार की कमान 1965 में संभाली और इसे वृद्धि के रास्ते पर बढ़ाया। उनके नेतृत्व में बजाज ऑटो का कारोबार 7.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो गया।

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