नई दिल्ली। भारतीय त्योहारों के दौरान गोल्ड (सोना) को पवित्र मानते हुए इसमें निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय घरों में सोना खरीदना कोई नई बात नहीं है। रिसर्च बताते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा घरेलू स्वर्ण भंडार है। शादी और बच्चे के जन्म जैसे खास मौकों पर सोना खरीदा जाता है। हालांकि सोना अचल संपत्ति या रियल एस्टेट की तरह एक भौतिक संपत्ति है, लेकिन वित्तीय या डिजिटल निवेश परिसंपत्तियों से इसकी चमक में कोई कमी नहीं आई है। गोल्ड में किया गया निवेश अभी भी मजबूत और अच्छे कारणों से जारी है।
आपको गोल्ड में निवेश क्यों करना चाहिए?
महंगाई से मिलती है मदद: चूंकि सोना एक प्राथमिक वस्तु है, यह बढ़ती लागत के साथ अधिक महंगा हो जाता है। इस वजह से यह महंगाई के दौर में आकर्षक रिटर्न प्रदान करता है।
विनिमय योग्य (एक्सचेंज करने योग्य): गोल्ड अपने आप में एक मुद्रा है। यहां तक कि जब आपके पास स्वीकार्य करेंसी नहीं होती है, तब भी कई उपयोगिताओं के लिए सोने का आदान-प्रदान किया जा सकता है। जब कोई मुद्रा गिरती है या उसकी जगह खत्म हो जाती है तो सोना विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
लिमिटेड सप्लाई: सोना एक कीमती और दुर्लभ धातु है। अधिक खोजने की सीमित गुंजाइश के साथ, सोना भविष्य में और अधिक कीमती हो जाएगा। इसके अलावा, सोने का कृत्रिम रूप से उत्पादन नहीं किया जा सकता है। कम आपूर्ति और उच्च मांग ने हमेशा कीमतों में वृद्धि की है, जिससे गोल्ड में किया गया निवेश एक संपत्ति वृद्धि के लिए दीर्घकालिक उपकरण के तौर पर सामने आता है।
तरलता: कोई भी व्यक्ति आसानी से सोना खरीद और बेच सकता है, जिससे यह अत्यधिक लचीला और तरल निवेश बन जाता है।
यूटिलिटी या उपयोगिता: स्पेस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न उद्योगों में सोने का उपयोग होता है, और ये सभी बड़े आकार वाले उद्योग हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सोना हमेशा मांग में रहेगा। इसके अलावा, सोने का उपयोग गहनों के रूप में भी किया जा सकता है।
सुरक्षित सहारा: जो लोग इक्विटी मार्केट में भारी निवेश करते हैं, उनके लिए सोना स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर आपात स्थिति के लिए सुरक्षा कुशन के रूप में कार्य कर सकता है। गोल्ड के निवेश को बियर बाजारों (गिरावट वाला बाजार) के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।
गोल्ड में कैसे निवेश करें?
सोना में निवेश करने के कई तरीके हैं। यहां भारत में गोल्ड में निवेश करने के पांच तरीके बताए गए हैं:
फिजिकल तरीके से खरीदें सोना (Physical Gold)
आप सोने के सिक्का में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, यह धातु के गुम होने या खोने की चिंता के साथ आता है। इसके अलावा, आपको पर्याप्त भंडारण की आवश्यकता होगी।
गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF)
एक गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होता है और इसे शेयर बाजार के निवेशकों द्वारा खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ निवेश 99.95 प्रतिशत शुद्धता के साथ वास्तविक गोल्ड के धारण को भी दर्शाता है, जिसे 0.5-1 किलोग्राम गोल्ड यूनिट्स तक पहुंचने पर भौतिक संपत्ति में परिवर्तित किया जा सकता है।
गोल्ड फंड्स (Gold Funds)
गोल्ड म्युचुअल फंड एक ऐसी योजना है, जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती है और रिटर्न निर्धारित करने के लिए ईटीएफ की गतिविधियों की निगरानी करती है। यह केवल मौद्रिक लाभ के लिए किए गए सोने के निवेश के लिए अधिक उपयुक्त है न कि वास्तविक सोने के कब्जे के लिए। गोल्ड फंड निवेश में, ईटीएफ के लिए आवश्यक न्यूनतम 1 ग्राम खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए एसआईपी विकल्प 1,000 रुपये से शुरू होता है।
ई-गोल्ड (E-Gold)
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) ने निवेशकों को छोटे मूल्यवर्ग (1mg, 2mg, आदि) में सोना खरीदने में सक्षम बनाने के लिए ई-गोल्ड लॉन्च किया है। ई-गोल्ड निवेश के लिए एक अलग डीमैट खाते की आवश्यकता होती है, और सोना भारतीय सोने के बाजार की कीमतों को दर्शाता है। यह ईटीएफ के विपरीत है जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी प्रभावित होते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bond)
भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए हैं, जो सरकारी प्रतिभूतियां हैं और यह 1 ग्राम मूल्यवर्ग में सोना जारी करती हैं। आप हर वित्तीय वर्ष में मैच्योरिटी पर नकद के साथ निश्चित ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
क्या आपको गोल्ड में निवेश करना चाहिए?
जी हां, महंगाई और बियर मार्केट (शेयर बाजार में गिरावट की स्थिति) के खिलाफ सोना एक अच्छा बचाव साबित हो सकता है।
क्या ईटीएफ गोल्ड फंड से बेहतर है?
गोल्ड ईटीएफ आपको गोल्ड का स्वामित्व प्राप्त करने की अनुमति देते हैं, जबकि गोल्ड म्युचुअल फंड विशुद्ध रूप से पैसे में वृद्धि के लिए होते हैं और इसमें कोई वास्तविक गोल्ड का स्वामित्व नहीं होता है। 1,000 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाला गोल्ड फंड निवेश अधिक किफायती हैं।
भारत में सोने की दर को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
अंतरराष्ट्रीय सोने की दर, डॉलर-रुपया में उतार-चढ़ाव, सीमा शुल्क और अन्य कारकों के कारण भारत में सोना की कीमतों में बदलाव होता है।
(इस लेख के लेखक TradeSmart के सीईओ विकास सिंघानिया हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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