YES बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप के हेडक्वार्टर 'रिलायंस सेंटर' पर किया कब्जा

बिजनेस
भाषा
Updated Jul 30, 2020 | 12:10 IST

ADAG's outstanding case : यस बैंक ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) के सांताक्रूज कार्यालय ‘रिलायंस सेंटर’ को अपने कब्जे में ले लिया है। ये है वजह।

YES Bank captures Anil Ambani Group headquarters 'Reliance Center'
यस बैंक ने अनिल अंबानी के 'रिलायंस सेंटर' पर किया कब्जा 
मुख्य बातें
  • अनिल अंबानी की सभी कंपनियां सांताक्रूज ऑफिस ‘रिलायंस सेंटर’ से काम करती हैं
  • दक्षिण मुंबई के दो फ्लैटों का कब्जा भी अपने हाथ में ले लिया है
  • रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर यस बैंक का 2,892.44 करोड़ रुपए का बकाया है

मुंबई : प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक (YES Bank ) ने 2,892 करोड़ रुपए का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से अनिल अंबानी (Anil Ambani) समूह के उपनगर सांताक्रूज के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। यस बैंक की ओर से बुधवार को अखबार में दिए गए नोटिस के अनुसार बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा बकाये का भुगतान नहीं करने के चलते दक्षिण मुंबई के दो फ्लैटों का कब्जा भी अपने हाथ में ले लिया है।

अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की करीब सभी कंपनियां सांताक्रूज कार्यालय ‘रिलायंस सेंटर’ से परिचालन कर रही हैं। हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान समूह की कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है। कुछ कंपनियां दिवालिया हो गई हैं, जबकि कुछ को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है।

यस बैंक ने कहा कि उसने छह मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2,892.44 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने का नोटिस दिया था। 60 दिन के नोटिस के बावजूद समूह बकाया नहीं चुका पाया। जिसके बाद 22 जुलाई को उसने तीनों संपत्तियों का कब्जा ले लिया। बैंक ने आम जनता को आगाह किया है कि वह इन संपत्तियों को लेकर किसी तरह का लेनदेन नहीं करे।

एडीएजी समूह पिछले साल इसी मुख्यालय को पट्टे पर देना चाहता था ताकि वह कर्ज चुकाने के लिए संसाधन जुटा सके। यह मुख्यालय 21,432 वर्ग मीटर में है। दो अन्य संपत्तियां दक्षिण मुंबई के नागिन महल में हैं। ये दोनों फ्लैट क्रमश: 1,717 वर्ग फुट और 4,936 वर्ग फुट के हैं।

गौर हो कि यस बैंक के डूबे कर्ज की एक बड़ी वजह एडीएजी समूह की कंपनियों को दिया गया कर्ज है। गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालकर उसे संकट से बाहर निकाला है।

बैंक के लिए राहत पैकेज से पहले सरकार और रिजर्व बैंक ने मार्च में यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और निदेशक मंडल की नियुक्ति की थी।

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