Union Budget 2022 Agriculture: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का बजट पेश किया है। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए कई बड़ी योजनाओं का पिटारा खोला। किसान आंदोलन और कोरोना के बीच इकोनोमी को पटरी पर लाने की चुनौती के बीच इस बजट को पेश किया गया है।
फाइनेंस मिनिस्टर ने बताया कि 2021-22 में रबी और खरीफ फसल को संरक्षण देने के मद्देनजर किसान खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी ट्रांसफर की जाएगी। वहीं खेती को तकनीक से जोड़ने का विजन भी पेश किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा। ड्रोन को खेती की मदद के लिए उतारा जाएगा और इसके जरिए न्यूट्रिएंट और कीटनाशक के छिड़काव को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
AgNext टेक्नोलॉजीज के सीईओ और संस्थापक तरणजीत सिंह भामरा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं भारत के एक उद्यमी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की सराहना करूंगा। कृषि क्षेत्र ने कोविड महामारी जैसे झटकों से अपनी महत्ता साबित की है। कृषि और कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार का समर्पित फोकस सभी तरह के समावेशी विकास की अनुमति देगा जिससे किसानों के साथ-साथ कृषि व्यवसायियों को भी लाभ होगा।
उन्नति के सह-संस्थापक अमित सिन्हा ने कहा, 'बजट में उच्च तकनीक सेवाओं के वितरण, नाबार्ड के माध्यम से स्टार्टअप्स के वित्तपोषण, किसानों के लिए "ड्रोन शक्ति", जलवायु पर पर विशेष ध्यान देने के साथ कृषि पर मजबूती से ध्यान केंद्रित किया गया है। अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का एक अच्छा संतुलन है। भारत में कृषि का विकास कैसे होगा, इस पर लंबे समय तक प्रभाव के साथ यह बहुत दूरदर्शी है। इन पहलों से कृषि उत्पादकता में सुधार की मुख्य समस्या का समाधान होगा और कृषि आय में उल्लेखनीय रूप से सुधार करने में मदद मिलेगी।'
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वहीं सरकार केमिकल फ्री खेती को भी बढ़ावा देगी। इसके लिए पहले चरण में गंगा किनारे की किसानों की जमीन 5 किलोमीटर के कोरिडोर को पहले चरण में चुना जाएगा। कृषि को प्रमोट करने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को रिवाइव करने पर भी सरकार जोर दे रही है। यूनिवर्सिटी के सिलेबस इस तरह तैयार होंगे कि खेती की लागत को कम किया जा सके।
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जो किसान फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाते हैं, उनकी मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगी। वित्तमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के जरिए कृषि क्षेत्र के ग्रामीण और कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तीय सुविधा प्रदान की जाएगी। ऑयल सीड का आयात घटाने की दिशा में काम करते हुए घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा।
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