चंडीगढ़ नगर निगम की सख्‍त कार्रवाई, काम में देरी या लापरवाही की तो ठेकेदार होगा ब्लैक लिस्टेड

Chandigarh Municipal Corporation: चंडीगढ़ प्रशासन से ग्रांट मिलने के बाद से ही नगर निगम में विकास कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है। जो ठेकेदार या एजेंसी लापरवाही बरते पाए जा रहे उनपर कार्रवाई की जा रही है।

Chandigarh Municipal Corporation
चंडीगढ़ शहर का एक दृश्‍य   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • काम में लापरवाही बरतने पर एक एजेंसी का अलॉट टेंडर हुआ कैंसिल
  • नगर निगम ने कई ठेकेदारों को भेजा कारण बताओ नोटिस
  • अधिकारियों से मांगी गई सभी विकास कार्यों की पूरी जानकारी

Chandigarh Municipal Corporation: चंडीगढ़ प्रशासन से ग्रांट की पहली किस्‍त मिलते ही नगर निगम के विकास कार्यों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। साथ ही विकास कार्यों में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों व एजेंसियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। नगर निगम कमिश्नर ने काम में देरी करने वाली एक एजेंसी का टेंडर कैंसिल कर दिया। साथ ही कई एजेंसियों को नोटिस जारी कर काम में देरी का कारण पूछा है।

बता दें कि नगर निगम को इसी सप्‍ताह प्रशासन वार्षिक ग्रांट की पहली किस्‍त के रूप में 277 करोड़ रुपये मिले हैं। जिसके बाद से ही शहर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। नगर निगम कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने सभी ठेकेदारों को हिदायत दी है कि वे टेंडर के अनुसार हुए एग्रीमेंट के तहत काम करें। अगर कोई ठेकेदार लापरवाही बरता या फिर तय समय सीमा के भीतर काम नहीं करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों से मांगी विकास कार्यों की रिपोर्ट

निगम कमिश्नर ठेकेदारों के साथ-साथ अधिकारियों पर भी सख्‍ती दिखा रही हैं। उन्‍होंने संबंधित सभी अधिकारियों से शहर में चल रहे सभी कार्यों की रिपोर्ट मांग है। बता दें कि शहर में इस समय करोड़ों रुपये के विकास कार्य चल रहे हैं। इनमें से कई कार्य ऐसे हैं जो या तो अपने तय समय सीमा से देर हैं या फिर रुके पड़े हैं। ऐसे में शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब इन विकास कार्यों की देखरेख करने वाले अधिकारियों पर भी सख्‍ती की जाएगी।

सीवरेज और स्ट्राम वाटर का अलॉट टेंडर किया खारिज

निगम कमिश्नर ने जो अलॉट टेंडर खारीज किया है, उसके तहत गांव खुड्डा लाहौरा और रायपुर खुर्द का सीवरेज और स्ट्राम वाटर का ड्रेनेज सिस्टम बनाने का कार्य किया जाना था। इस कार्य में ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। जिस वजह से टेंडर एग्रीमेंट टर्मीनेट कर दिया गया है। साथ ही ठेकेदार को भी एक साल के लिए डिबार्ड कर दिया गया है। अब यह ठेकेदार एक साल तक निगम के किसी भी टेंडर में आवेदन नहीं कर सकता है। निगम अधिकारियों के अनुसार छह माह के भीतर कंपनी को यह काम पूरा करना था। नगर निगम ने कंपनी का काम में खराब प्रदर्शन देखकर टेंडर खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कमिश्नर ने उक्त काम के लिए फिर से टेंडर करने की फाइल को मंजूर भी दे दी।

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