Chandigarh PGI: विश्व में फैलते मंकीपॉक्स को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ भी अलर्ट हो गया। विदेश में लगातार मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को मंकीपॉक्स से एहतियात बरतने की गाइडलाइन जारी की गई है। इसके बाद पीजीआई चंडीगढ़ ने भी अलर्ट जारी कर संदिग्ध लोगों की रैंडम सैंपलिंग करने को कहा है। यहां पर संदिग्धों का सैंपल लेकर दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल लैब को भेजा जाएगा।
बता दें कि, विदेश में मंकीपॉक्स लगातार फैल रहा है, अब तक 15 देशों में मंकीपॉक्स संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के बाद मंकीपॉक्स को दुनिया के लिए एक और बड़ी चुनौती माना है। जिसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। अब सबसे ज्यादा नजर उन लोगों पर रखी जा रही है, जो विदेश से ट्रेवल करके भारत आ रहे हैं।
पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने बताया कि, फिलहाल भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन चंडीगढ़ के हजारों लोग दूसरे देशों में रहते हैं। ऐसे में शहर में प्रतिदिन विदेश से सैकड़ो लोग ट्रैवल करते हैं। इसलिए चंडीगढ़ में भी मंकीपॉक्स संक्रमण के फैलने का खतरा है। ऐसे में पीजीआई द्वारा पहले ही एहतियात बरते जा रहे है। स्वास्थ्य अधिकारियों की नजर विदेश से आने वाले ऐसे लोगों पर रहेगी, जिनमें इसके कोई लक्षण पाए जाएंगे। बता दें, मंकीपाक्स का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। यह समय के साथ खुद ठीक हो जाता है।
डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स संक्रमण पॉक्सविरिडे वायरस फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से फैलता है। इस संक्रमण के फैलने के बाद इसके लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं और यह स्वयं ही ठीक हो जाते हैं। मंकीपॉक्स के कारण गंभीर रोग के मामले कम ही होते हैं। हालांकि गंभीर स्थितियों में इसका मृत्युदर 3-6 फीसदी के करीब का हो सकती है।