Chandigarh Mobility Plan: चंडीगढ़वासियों को जल्द ही ट्रैफिक जाम से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा। यूटी प्रशासन शहर में जाम को खत्म करने के लिए मोबिलिटी प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इसके सर्वे की जिम्मेदारी रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) कंपनी को सौंपी गई है। साथ ही इस कार्य में ब्रिटिश काउंसिल भी सहयोग दे रहा है।
इस प्रोजेक्ट को लेकर हालही में यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने ब्रिटिश काउंसिल के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें यह तय हुआ कि परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल साधन तलाशने में ब्रिटिश काउंसिल भी पैरलर एक सर्वे कराएगा।
प्रोजेक्ट का मकसद शहर को ट्रैफिक जाम और कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करना
यूटी प्रशासन की तरफ से जहां एक कंपनी सर्वे कर रही है। वहीं ब्रिटिश काउंसिल की तरफ से सर्वे कार्य के लिए आईसीएस कंसल्टेंट कंपनी को चुना गया है। वह राइट्स कंपनी के साथ काम करेगी। धर्मपाल ने बताया कि राइट्स कंपनी ट्राइसिटी के लिए मोबिलिटी प्लान पर काम कर रही है, जबकि आईसीएस कंसल्टेंट परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल साधन तलाशने काम काम करेगा। इस सर्वे में आने वाला खर्च भी काउंसिल ही उठाएगा। धर्मपाल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य मकसद शहर को ट्रैफिक जाम और कार्बन उत्सर्जन से पूरी तरह मुक्त करना है। सर्वे में यह देखा जाएगा कि चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग की बसों में रोजाना सफर करने वाले लोगों की संख्या कितनी है, पंजीकृत वाहनों की संख्या कितनी है और किस हिसाब से बढ़ रही हैं। इसके अलावा रोजाना चंडीगढ़ में दाखिल होने वाले वाहनों के फ्लो को भी देखा जाएगा।
राइट्स कंपनी ने शुरू किया सर्वे
राइट्स कंपनी ने इस प्रोजेक्ट का सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। कंपनी पिछले कुछ हफ्तों से चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला में विस्तृत ट्रैफिक एंड ट्रेवल सर्वे कर रही है। सर्वे के आधार पर ही मई महीने में आखिरी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए मोनो रेल, मेट्रो रेल या अन्य कौन सा विकल्प बेहतर होगा, उसका पता कराने के लिए ही ये स्टडी कराई जा रही है, जिस पर स्टडी के बाद ही प्रशासन आगे बढ़ेगा।