Mask in Chandigarh: चंडीगढ़ में खत्‍म होगी मास्‍क की अनिर्वायता, मंगलवार को आ सकता है फैसला

Mask not mandatory in Chandigarh: चंडीगढ़ में अब मास्‍क अनिर्वाय नहीं रहेगा। दूसरे राज्‍यों की तरह इस शहर को भी मंगलवार को मास्‍क मुक्‍त किया जा सकता है। अब न तो चालान कटेंगे और न ही कोई कार्रवाई मिलेगी।

Mask not mandatory in Chandigarh
मंगलवार को आ सकता है मास्‍क की अनिर्वायता को लेकर फैसला   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ में अब मास्‍क नहीं रहेगा अनिर्वाय
  • मंगलवार को घोषित किया जा सकता है शहर को मास्‍क मुक्‍त
  • लोगों को नहीं देना पड़ेगा एक हजार रुपये का चालान

Mask not mandatory in Chandigarh: ब्‍यूटीफुल शहर चंडीगढ़ के लोगों को भी करीब दो साल बाद मास्‍क से छुटकारा मिल सकता है। इस संबंध में यूटी प्रशासन सोमवार का फैसला लेने वाला था, हालांकि देर शाम तक कोई आदेश जारी नहीं हो सका। अब उम्‍मीद की जा रही है कि मंगलवार को शहर को मास्‍क मुक्‍त करने का आदेश जारी होगा। यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने कहा है कि कोरोना के घटते प्रभाव के मद्देनजर यूटी प्रशासन अब मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर सकता है। इसके बाद शहर में सार्वजनिक स्थलों और कार्य स्थलों पर मास्क पहनना जरूरी नहीं होगा। मास्क न पहनने पर न चालान कटेगा और न ही जुर्माना लगेगा।

बता दें कि चंडीगढ़ से पहले ही कई राज्‍यों ने मास्‍क की अनिर्वायता खत्‍म कर दी है। वहीं चंडीगढ़ में यह अभी तक जारी है। हालांकि शहर में 100 फीसदी कोरोना वैक्सीन के रिकार्ड को देखते हुए अब यहां भी मास्‍क की अनिर्वायता खत्‍म होगी।

अप्रैल 2020 से जारी है प्रतिबंध

पूरे देश के साथ चंड़ीगढ़ में भी कोरोना संक्रमण के कारण अप्रैल 2020 से मास्क पहनने समेत कई पाबंदियां लगाई थीं। अब सभी प्रतिबंधों में ढील दी जा चुकी है, लेकिन मास्क न पहनने पर अभी भी चालान की व्यवस्था है। वहीं हरियाणा, दिल्‍ली, पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍यों ने मास्क की अनिवार्यता को पहले ही खत्म कर दिया है। इसे देखते हुए यूटी प्रशासन भी इस संबंध में फैसला लेने जा रहा है।

अभी एक हजार रुपये का है चालान

चंडीगढ़ में अभी मास्क नहीं पहनने पर 1000 रुपये का चालान कटता है। ये चालान यूटी प्रशासन, एसडीएस और पुलिस की टीमें मिलकर काटती हैं। इन टीमों की तरफ से शहर की विभिन्न मार्केटों में अभियान चलाए जाते हैं और चालान काटे जाते हैं। प्रशासन मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ चालान काटने के अभियान को तेज कर देता है लेकिन जैसे की कोरोना के मामलों में कमी आती है, चालान की संख्या भी कम हो जाती है। इन दिनों कोरोना के केस नाममात्र हैं, इसलिए चालान की संख्या भी लगभग न के बराबर है।

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