Chandigarh News : बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेज बढ़ाने के खिलाफ व्यापारी, 20 अप्रैल को करेंगे ये काम

Chandigarh News : चंडीगढ़ के व्यापारी और उद्योगपति प्रशासन द्वारा बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेस में की गई 400 गुना बढ़ोत्‍तरी के विरोध में उतर आए हैं। शहर के 18 संगठन के सदस्‍यों ने सोमवार को जहां प्रशासन का घेराव किया, वहीं 20 अप्रैल को पूरे शहर में ब्‍लैकआउट करने का निर्णय लिया है।

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चंडीगढ़ में 400 गुना बढ़े बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेस, हो रहा विरोध  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • चंडीगढ़ में 20 अप्रैल को व्यापारी और उद्योगपति करेंगे ब्‍लैकआउट
  • लोग बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेज बढ़ाने का कर रहे विरोध
  • 'प्रशासन ने अगर प्रस्‍ताव को नहीं लिया वापस तो पूरे शहर में करेंगे हड़ताल'

Chandigarh News:  चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेस में की गई 400 गुना बढ़ोत्‍तरी पर शहर के व्यापारी और उद्योगपतियों को रास नहीं आ रहा है। इन्‍होंने अब प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को जहां 18 संगठनों ने एक साथ मिलकर यूटी सेक्रेटेरिएट का घेराव करने पहुंचे। वहीं अब 20 अप्रैल को ब्‍लैकआउट का एलान कर दिया है।

इस विरोध का नेतृत्‍व कर रहे चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल के प्रेसिडेंट चंद्र वर्मा ने कहा कि, 20 अप्रैल को सभी उद्योगपति, व्यापारी और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य लाइट बंद कर ब्लैकआउट रखेंगे और सेक्टर-17 प्लाजा में एकत्रित होकर कैंडल मार्च निकालेंगे।

बढ़कर इतनी हुई पेनल्टी

अगर इसके बाद भी प्रशासन ने अपने इस पब्लिक नोटिस को वापस नहीं लिया तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। साथ ही शहर में प्रदर्शन और हड़ताल के जरिए अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। बता दें कि, बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन पर जो पेनल्टी अभी तक 500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट प्रति माह होती थी, उसे अब बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्‍ताव रखा गया है। इसके बाद यह मिसयूज बंद करना होगा और वायलेशन हटानी होगी। अगर इंस्पेक्शन होने पर मिसयूज वायलेशन पहले की तरह मिलती है तो, 20 रुपये की जगह आठ हजार रुपये प्रतिदिन प्रति स्क्वेयर फीट पेनल्टी लगेगी। इसका सभी विरोध कर रहे हैं।

प्रशासन ने बढ़ाया 19 दिन फीडबैक का समय

बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन चार्जेस के विरोध में एकजुटता दिखाते हुए शहर के 18 से अधिक संगठन पहली बार एकजुट हुए हैं। इसके विरोध के लिए गठित को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ को अपने सुझाव और आपत्तियों का पत्र सौंपा। व्‍यापिरयों ने कहा कि, प्रशासन ने मनमाने तरीके से पेनल्टी बढ़ाने का पब्लिक नोटिस जारी किया है। वहीं पब्लिक नोटिस के बाद महज 10 दिन फीडबैक के लिए दिए, जिसमें छह दिन सार्वजनिक अवकाश रहा। लोगों को ईमेल करने तक की सुविधा नहीं दी गई। व्यापारियों ने इसके लिए प्रशासन से कम से कम तीन महीने का समय मांगा, लेकिन संयुक्त सचिव ने इन्‍हें 6 मई तक फीडबैक देने का समय दिया है।

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