Chandigarh Startup Policy: चंडीगढ़ वालों के लिए खुशखबरी है। यूटी प्रशासन की स्टार्टअप नीति तैयार हो गई है। इस नीति को हरी झंडी देने के लिए 15 मई को प्रशासन की बैठक होने जा रही है। जिसमें सभी विभाग के उच्च अधिकारियों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही स्टार्टअप नीति को लागू कर दिया जाएगा। इस नीति में इंसेंटिव देने, जगह मुहैया कराने समेत मेंटरशिप देने का प्रावधान है।
बता दें कि चंडीगढ़ के युवाओं को मौका देने के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर यूटी प्रशासन भी लंबे समय से अपनी स्टार्टअप नीति बनाने में जुटा हुआ था, जो अब तैयार हो चुकी है। इस स्टार्टअप नीति के तहत शहर में एक उद्यमिता केंद्र बनाया जाएगा। यहां उद्यमियों को मेंटरशिप, क्षमता निर्माण अभ्यास आदि की जानकारी दी जाएगी। नीति के तहत महिलाओं और एकल व्यक्ति वाली कंपनियों को ज्यादा बढ़ावा देने की योजना है।
चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार इस स्टार्टअप नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए एक पैनल भी बनाया जाएगा। इसमें फंडिंग स्ट्रेटजी, कंपनी रजिस्ट्रेशन, बिजनेस मॉडल डेवलपमेंट, अकाउंटिंग और टैक्सेशन, लीगल और डिजिटल मार्केटिंग जैसे विषयों के विशेषज्ञता शामिल रहेंगे। विद्यार्थियों को इंसेंटिव दिया जाएगा और उद्यमियों के लिए को-वर्किंग स्पेस सेंटर भी खोले जाएंगे। इसमें प्रशासन पंजीकृत स्टार्टअप को दस लाख तक का कॉलेटरल फ्री लोन प्रदान कर सकता है। यह रकम पहले कुछ वर्षों के लिए ब्याज मुक्त होगी, जिसके बाद बहुत कम दर पर ब्याज लगेगा। उद्योग विभाग की सचिव हरगुनजीत कौर ने कहा कि इस नीति में जो इंसेंटिव तय किए गए हैं, उसमें जीएसटी व टैक्सेशन से जुड़ी अड़चनों को दूर करने के लिए 15 मई को बैठक होगी। जिसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
यूटी प्रशासन ने वर्ष 2018 में घोषणा की थी कि शहर के युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक स्टार्टअप नीति बनाई जाएगी। जिसके बाद सभी चर्चा व अन्य राज्यों की स्टार्टअप नीति के अध्ययन के बाद ड्राफ्ट बनाया गया। जिसके बाद से ही रुक—रुक कर इसी नीति पर काम चल रहा था। इस वर्ष के शुरुआती दिनों से इस पर लगातार कार्य किया जा रहा था और अब यह तैयार हो गया है।