चंडीगढ़ में पानी के रेट पर कोई सहमति नहीं बन पाई है, जिस कारण एक अप्रैल से पानी का रेट बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला निगम प्रशासक लेंगे। माना जा रहा है कि, अप्रैल से अभी के मुकाबले पानी का रेट दो से तीन गुना बढ़ जाएगा। 1 अप्रैल से चंडीगढ़ में पानी का रेट बढ़ने वाला है, जिसे लेकर प्रशासन बनवारी लाल पुरोहित के निर्देश पर सलाहकार धर्मपाल ने नगर निगम की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद, कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला, आप संयोजक प्रेम गर्ग, मेयर सरबजीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा, डिप्टी मेयर,कांग्रेस और आप का एक-एक पार्षद के अलावा कमिश्नर आनिंदिता मित्रा मौजूद रहीं।
इस बैठक में पानी के रेट को बढ़ाने या कम करने को लेकर सभी ने अपनी राय दी, जो बंटी हुई थी। कांग्रेस और आप ने जहां इसका विरोध करते हुए पानी का रेट बढ़ने का विरोध किया, वहीं भाजपा ने नॉमिनल पानी के रेट बढ़ने पर अपनी सहमति दी। इन विरोधाभास के कारण बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। अब पूरी तरह से पानी के रेट का निर्णय प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के जिम्मे है।
ज्यादा पानी यूज करने वालों के रेट बढ़ाने पर भी चर्चा
इस बैठक में एक ऑप्शन के रूप में ज्यादा पानी का प्रयोग करने वाले या बड़ी कोठियों का रेट बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। वहीं मध्यम और निम्न वर्ग के लोग के पानी का रेट नहीं बढ़ाने पर विचार किया गया। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि, सस्ते रेट पर पानी की सप्लाई से हर साल 100 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
पानी की बर्बादी 30 फीसद से ज्यादा
बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक प्रेम गर्ग ने कहा कि, इस समय शहर में पानी की बर्बादी 30 फीसद से ज्यादा हो रही है। इस लीकेज को रोका जाए तो रेट बढाने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि, जो अवैध पानी के कनेक्शन हैं उनको काटा जाए। 1 अप्रैल से कितने पानी के रेट बढ़ेंगे यह प्रशासक तय करेंगे। जबकि, वर्तमान के मुकाबले में पानी के दो से तीन गुना रेट बढ़ाने की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है।