अपने ही बसाए शहर नोएडा में सियासी जमीन ढूंढ रही कांग्रेस !

नोएडा को यूपी में कांग्रेस शासन के दौरान बसाया गया था। इस शहर के जरिए कांग्रेस पार्टी अपने आधुनिक विचार को जनता के बीच रखती थी। लेकिन बीतते समय के साथ कांग्रेस का वजूद कहीं समाप्त हो गया है।

नोएडा में कांग्रेस के सामने सियासी संकट

उत्तरप्रदेश का नोएडा शहर, ऐसे कम ही लोग होंगे जो नोएडा के बारे में नहीं जानते होंगे। नोएडा को बसे हुए 25 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। ये वो शहर है जो उत्तर प्रदेश समेत देश के मानचित्र में शान से चमकता है। यहां कई बड़े मॉल, गगन चूमती इमारत और कई MNC कंपनियों के ऑफिस नोएडा में है। नोएडा को बसाने के लिए कांग्रेस की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन आजकल यहां कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

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1976 में हुआ नोएडा का गठन

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नोएडा गौतमबुद्धनगर जिले में आता है। नोएडा 17 अप्रैल 1976 को प्रशासनिक अस्तित्व में आया। 17 अप्रैल को नोएडा दिवस मनाया जाता है। गौतमबुद्धनगर का गठन गाजियाबाद और बुलंदशहर के कुछ ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों को मिलाकर बनाया गया था। जिले के मुख्यत: 3 बड़े हिस्से है। जिनमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर हैं। नोएडा में कई बड़े मॉल के अलावा कई बड़े कंपनियों के दफ्तर हैं... वहीं ग्रेटर नोएडा एजुकेशन हब के तौर पर जाना जाता है। इसके साथ ही जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नोएडा शहर में प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा है। नोएडा प्राधिकरण देश के सबसे अमीर नागरिक निकायों में से एक है।साथ ही नोएडा को भारत का सबसे ज्यादा हरियाली वाला शहर माना जाता है।

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