Noida Expressway को सुरक्षित बनाने की तैयारी में अथॉरिटी, एक्सीडेंट की रोकथाम के लिए CRRI करेगी एक्सप्रेसवे का सर्वे

Noida News: नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते एक्सीडेंट के मामलों को ध्यान में रखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने इसके रोकथाम के लिए एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत एक्सप्रेसवे का दोबारा सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे के काम के लिए CRRI को पत्र भेजा गया है।

नोएडा एक्सप्रेसवे

Noida News: नोएडा एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटना के मामलों बढ़ते जा रहे हैं। इन मामलों को देखते हुए इसका सर्वे किए जाने की तैयारी की जा रही है। नोएडा एक्सप्रेसवे के सर्वे का काम केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) से करवाया जाएगा। CRRI को इस योजना के लिए एक सलाहकार के रूप में लिया जा रहा है। इस दौरान एक्सप्रेसवे के किसी एक हिस्से का नहीं, बल्कि पूरे एक्सप्रेसवे का दोबारा सर्वे किया जाएगा। नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते एक्सीडेंट के मामलोंं के रोकथाम के लिए ये कदम उठाया गया है। नोएडा प्राधिकरण एक्सप्रेसवे को वाहन चालकों के लिए सुरक्षित बनाना चाहती है, इसलिए सर्वे का फैसला लिया गया है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताएं -

CRRI करेगा नोएडा एक्सप्रेसवे का सर्वे

नोएडा एक्सप्रेसवे के सर्वे के लिए CRRI को इसलिए चुना गया है क्योंकि एक्सप्रेसवे पर बने पक्के निर्माण को सर्विस लेन पर शिफ्ट किया जाना है, जो आसान काम बिल्कुल भी नहीं है। इसलिए पहले उनका सर्वे किया जाएगा, उसके बाद भी आगे का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि नोएडा एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर के अंदर विज्ञापन के 12, आईटीएमएस के 8, साइनेज के 21 पोल मौजूद हैं। 13 स्ट्रक्चर एफओबी के हैं और 19-20 पब्लिक टॉयलेट व यूरिनल भी मौजूद हैं। इन सभी को क्रैश बैरियर से बाहर सर्विस लेन की तरफ शिफ्ट किया जाना है। प्राधिकरण इस योजना में सलाहकार एजेंसी के रूप में सीआरआरआई को शामिल करने जा रहा है। इसके लिए सीआरआरआई को पत्र भेजा जा रहा है। सीआरआरआई पूरे एक्सप्रेसवे का दोबारा से सर्वे करेगी। एक्सप्रेसवे के सुरक्षा मानकों को देखेगी और दुर्घटना के मुख्य कारण और लूप होल की तलाश करेगी। इसके बाद उनको शिफ्ट करने का पूरा प्लान प्राधिकरण को दिया जाएगा, जिसके आधार पर आगे का काम किया जाएगा।

14 अगस्त को हुए एक्सीडेंट के बाद किया गया सर्वे

बीते 14 अगस्त को यहां आईटीएमएस के पोल से एक कार टकरा गई थी। इस हादसे में कार में सवार तीन युवकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद प्राधिकरण के इंजीनियरों ने इसका सर्वे किया था। इस सर्वे में सामने आया था कि यहां क्रैश बैरियर के अंदर लगे पोल एक्सीडेंट का कारण है। इसलिए इसे शिफ्ट किया जाना आवश्यक है। 24.5 किमी लंबे नोएडा एक्सप्रेसवे सिटी सर्विलांस सिस्टम के अंडर आता है। इस एक्सप्रेसवे की निगरानी के लिए यहां आईटीएमएस के तहत कैमरे लगाए है। इन कैमरों को पोल पर लगाया गया है। पोल क्रैश बैरियर के अंदर यानी एक्सप्रेसवे की ओर लगे है। इसका कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास भी है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण वाहन चालकों के लिए इस एक्सप्रेसवे को सुरक्षित बनाता चाहता है। इसलिए सेफ्टी पाइंट को लेकर मंथन किया गया। अब इसका पूरा प्लान सीआरआरआई करेगी।

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