नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों की मुराद होगी पूरी, जल्द गंगा जल से तर होगा गला
उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 26 सेक्टरों को नए प्लांट से गंगाजल पहुंचाया जाएगा। इस प्लांट को 7 साल पहले ही मंजूरी दी गई थी और इसका काम भी शुरू कर दिया गया था। लेकिन, कोराना काल में प्लांट का काम रोक दिया गया। अब इसे चालू करने के सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं। जल्द काम भी शुरू कर दिया जाएगा-
नोएडा के 26 सेक्टरों को नए प्लांट से मिलेगा गंगाजल
Noida- Greater Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में जल्द ही गंगाजल प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। यहां 120 एमएलडी का गंगाजल प्लांट तैयार किया जाएगा, जिसकी सप्लाई नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से सटे करीब 26 सेक्टरों तक होगा। इस प्लांट को करीब 7 साल पहले मंजूरी मिल चुकी थी। जिसके बाद साल 2018 में इसका निर्माण कार्य भी शुरू किया गया था। लेकिन, कोरोना काल में प्लांट का काम रोक दिया गया था। अब फिर से प्लांट चालू करने के सभी ट्रायल भी पूरे किए जा चुके हैं।
नोएडा के 26 सेक्टरों को मिलेगा गंगाजल
गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में 120 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) का गंगाजल प्लांट बनकर तैयार होगा। जिससे नोएडा को 90 एमएलडी गंगाजल मिल सकेगा। इस गंगाजल को नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे से सटे करीब 26 सेक्टरों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा गांवों में भी इस गंगाजल की सप्लाई का काम किया जाएगा।
7 साल पहले मिली थी मंजूरी
आपको बता दें कि नोएडा और सिद्धार्थ विहार को गंगाजल देने के लिए प्रदेश सरकार ने इस प्लांट को करीब 7 साल पहले मंजूरी दी थी। जिसके बाद साल 2018 में इसका निर्माण शुरू हुआ था।
सिद्धार्थ विहार में गंगाजल का प्लांट
इस प्लांट को चालू करने से पहले सभी ट्रायल हो चुके हैं। जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के जल-सीवर विभाग के महाप्रबंधक आरपी सिंह का कहना है कि 90 एमएलडी गंगाजल की सप्लाई नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास सेक्टरों में की जाएगी।
इन इलाकों को होगा लाभ
आपको बता दें कि सिद्धार्थ विहार में 10 सोसाइटियां हैं, जहां पहले से दूसरे प्लांट से आपूर्ति की जा रही है। मगर गंगाजल की कमी के कारण सिद्धार्थ विहार के साथ इंदिरापुरम में भी पानी की किल्लत हो रही है। नोएडा में सेक्टर-118 और सेक्टर-127 समेत कई इलाकों में गंगाजल आपूर्ति की जाएगी।
304 करोड़ में तैयार होगा प्लांट
प्लांट का निर्माण वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। उस वक्ता इसे बनाने में करीब 23 करोड़ रुपये की लागत लगनी थी। कोरोना काल में काम रुक गया। साथ ही एनएच-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) के निर्माण की वजह से इसका काम रोक दिया गया था। जिसके बाद अब इसकी लगात बढ़कर 304 करोड़ रुपये हो गई। देरी की वजह से लागत में बढोत्तरी हुई है।
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माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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