Noida News: नोएडा प्राधिकरण का दिवाली ऑफर, अगर नहीं चुका पाए हैं बिजली-पानी का बिल तो ये स्‍कीम करेगी मदद

OTS Scheme in Noida: नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधजक पीके कौशिक बताते हैं कि, सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद हम अगले महीने एकमुश्त समाधानी योजना (ओटीएस) लाएंगे। चूंकि बोर्ड ने छूट देने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है।


नोएडा प्राधिकरण का ऑफर। (सांकेतिक फोटो)

OTS Scheme in Noida: नोएडा प्राधिकण के जिले के उन सैकड़ों-हजारों उपभोक्‍ताओं के लिए एकमुश्‍त योजना (OTS) लाने जा रही है जिन्‍होंने अब तक पानी के बिल का भुगतान नहीं किया है। ये योजना अगले महीने पेश करने की तैयारी है हालांकि, ये भी कहा गया है कि बिजली बकाया के लिए ये योजना 8 से 31 नवंबर तक पेश की जानी है। पानी के बिल के लिए लाई जाने वाली ये योजना डिफ़ॉल्ट राशि पर लगाए गए ब्याज घटकों पर छूट प्राप्त करने की अनुमति देगी। नोएडा प्राधिकण इस योजना के तहत विभाग का बकाया पड़ा 150 करोड़ रुपया वसूलेगी। माना जा रहा है कि, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) नोएडा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक ओटीएस की पेशकश करने की योजना बना रहा है। पीवीवीएनएल, जो उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के तहत काम करता है वो 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक तीन चरणों में ओटीएस की पेशकश करेगा।

उपभोक्‍ताओं का गणित समझें

नोएडा प्राधिकरण से जुड़ें अधिकारियों ने कहा है कि, एक उपभोक्ता को उस वक्‍त थोक उपभोक्ता माना जाता है जब उसका बकाया ₹ 5 लाख से अधिक है। थोक उपभोक्ताओं में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, औद्योगिक इकाइयां, कारखाने, वाणिज्यिक इकाइयां समेत कई शामिल होते हैं। गौरतलब है कि, नोएडा में कम से कम 86,000 उपभोक्ता हैं। इनमें रीयलटर्स, औद्योगिक इकाइयां, व्यक्तिगत उपभोक्ता और 267 थोक जल उपभोक्ता शामिल हैं, जिन्‍हें बार-बार नोटिस भेजा जा चुका है। हालांकि इसके बावजूद वे भुगतान करने में कोई न कोई चूक कर देते हैं। प्राधिकरण की ओर से ये भी बताया गया कि, चालू वित्तीय वर्ष में 80 करोड़ रुपये लक्ष्य में से महज 20 करोड़ ही वसूल गया है।

अगले महीने आएगी योजना

नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधजक पीके कौशिक बताते हैं कि, 'सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद हम अगले महीने एकमुश्त समाधानी योजना (ओटीएस) लाएंगे। चूंकि बोर्ड ने छूट देने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है, इसलिए हमें अभी तक यह तारीख नहीं मिली है कि योजना कब शुरू की जानी चाहिए।'प्रस्ताव के अनुसार, यदि डिफॉल्टर जनवरी में कुल बकाया का भुगतान करता है तो प्राधिकरण ब्याज पर 40% की छूट देगा। यदि फरवरी में बकाया का भुगतान किया जाता है, तो ब्याज पर 30% की छूट होगी, और मार्च में, ब्याज पर 20% की छूट होगी। प्राधिकरण मूल राशि पर 9.5% की दर से शुल्क लगाता है और यदि नोटिस के बावजूद भी चूक जारी रहती है तो ब्याज की दर बढ़ती रहती है।

End Of Feed