Monsoon: नोएडा में आ सकती है बाढ़, जानें प्रशासन की क्या है तैयारी

गौतमबुद्ध नगर जिले को बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील जिलों में शामिल किया गया है। प्रशासन ने तीनों तहसीलों में राहत बचाव कार्य की तैयारी शुरू कर दी है। जगह-जगह बाढ़ चौकी बनाई जा रही है।

नोएडा में आ सकती है बाढ़, जानें प्रशासन की क्या है तैयारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

यूपी के गौतमबुद्ध नगर को बाढ़ के लिहाजा संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल किया गया है। इस बीच जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ से निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। गौतमबुद्ध नगर इलाके में शामिल गांवों में सर्वे करते हुए प्रभावित गांवों का चिह्नित किया जा रहा है। इन गावों में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह पर विस्थापित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित गांवों के साथ गौशाला, गोवंशों और आबादी का भी पूरा विवरण तैयार किया है। लोगों के लिए करीब 18 राहत शिविर और 14 बाढ़ चौकियों का निर्माण किया जा रहा है।

तीनों तहसील में बनाई गई बाढ़ चौकी

प्रशासन द्वारा बाढ़ से पहले राहत बचाव की तैयारी करते हुए तीनों तहसील में बाढ़ चौकियां बनाई जा रही है। सदर तहसील में 52 प्रभावित गांवों का चयन किया गया है, जिसमें 12 गांव गैर आबादी के है। इन गांवों में डूबे क्षेत्र में एक हजार से अधिक घर बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि इन घरों में 6 हजार लोग रह रहे हैं। पांच गौशाला है, जिसमें 1500 गोवंश हैं। यहां 6 बाढ़ चौकियां बनाई जा रही है। दादरी में 21 गांव, 700 घर, 2800 लोग रह रहे हैं। दादरी में 12 शेल्टर होम और चार बाढ़ चौकियां बनाई जा रही हैं। वहीं जेवर में चार बढ़ा चौकियां बनाई जा रही है। यहां 25 गांव में 2500 लोग और 81 मवेशी चिह्नित किए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, गौतमबुद्ध नगर जिले के 98 गांवों की सीमा हिंडन और यमुना से लगी है। बीते सालों में बाढ़ के कारण यहां कई हजारों लोग और मवेशी प्रभावित हुए थे। इस दौरान लोगों को सामुदायिक केंद्र और शिविरों में रहना पड़ा था।

पिछले साल फसलों को भारी नुकसान

जिला प्रशासन द्वारा दी जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023 में बाढ़ के दौरान 534 हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ था। फसलों को हुए नुकसान के बाद, प्रशासन ने किसानों को 17,80,935 रुपये का मुआवजा दिया था। 2023 में 1390 हेक्टेयर क्षेत्रफल को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया था। उस दौरान 67 गांवों में 53 गांव यमुना और 14 गांव हिंडन से प्रभावित हुए थे।
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