Noida Underpass: पर्थला चौक पर सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनेगा अंडरपास, तैयारियां शुरू

Noida Underpass: नोएडा प्राधिकरण द्वारा पर्थला चौक पर बने सिग्नेचर ब्रिज के नीचे अंडरपास बनाने का प्लान तैयार किया गया है। ये प्लान प्राधिकरण के सीईओ के समक्ष पेश किया गया है। अंडरपास के निर्माण से ग्रेनो और मेरठ एक्सप्रेसवे की तरफ जाने वाला रास्ता आसान हो जाएगा।

पर्थला सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनेगा अंडरपास

Noida Underpass: नोएडा प्राधिकरण की पर्थला सिग्नेचर ब्रिज के नीचे अंडरपास बनाने की तैयारी तेज हो गई है। यातायात व्यवस्था और जाम की स्थिति को खत्म करने के लिए अंडरपास बनाने का फैसला लिया गया है। प्राधिकरण द्वारा अंडरपास का प्लान डिम्ट्स से तैयार किया गया है और अब इस प्लान को प्राधिकरण के सीईओ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उसके आधार पर ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अंडरपास बनने के बाद सिग्नेचर ब्रिज से किसान चौक जाने का रास्ता और बेहतर हो जाएगा। न केवल किसान चौक बल्कि मेरठ एक्सप्रेसवे की तरफ जाना भी आसान होगा। इस अंडरपास के माध्यम से छिजारसी के सामने से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की तरफ जाना लोगों के लिए आसान हो जाएगा। इससे छिजारसी के सामने वर्तमान समय में होने वाले जाम से भी राहत मिलेगी। आइए आपको इसके बारे में और बताएं -

सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनेगा अंडरपास

पर्थला चौक पर बने सिग्नेचर ब्रिज ते नीचे एफएनजी पर छिजारसी से सोरखा की तरफ जाने वाले रास्ते पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अंडरपास बनाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस अंडरपास के निर्माण में 82 करोड़ 50 लाख रुपये का खर्च होगा। बता दें कि सिग्नेचर ब्रिज पर्थला गोल चक्कर से सेक्टर 71 अंडरपास की तरफ जाता है। अंडरपास का निर्माण एफएनजी-फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद रास्ते पर किया जाएगा। इससे इन तीनों स्थानों पर आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि अभी एनएफजी के शुरू न होने के कारण गोल चक्कर पर जाम की स्थिति नहीं है, लेकिन एक बार इसे पूरा होने के बाद यहां जाम लगने की आशंका है। इसे देखते हुए प्राधिकरण द्वारा अंडरपास बनाने की योजना बनाई गई है।

710 मीटर का होगा अंडरपास

नोएडा प्राधिकरण की योजना के अनुसार, सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनने वाला अंडरपास की लंबाई 710 मीटर की होगी। फिलहाल योजना का प्लान तैयार करके प्राधिकरण के सीईओ को भेजा गया है। जानकारी के लिए बता दें कि जाम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीईओ द्वारा कुछ महीने पहले ही इस स्थान का जायजा लिया गया था, उसके बाद ही अंडरपास बनाने की योजना तैयार की गई।

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