Noida Metro: नोएडा के इन दो प्रमुख मेट्रो स्टेशनों के बीच बनेगा स्काईवॉक, इतने महीनों में हो जाएगा तैयार

Noida Authority Plan: नोएडा प्राधिकरण की ओर से स्काईवॉक बनाने की योजाना चल रही है। यह स्काईवॉक सेक्टर-52 और सेक्टर-51 के मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा। इसको लेकर एजेंसी का चयन कर लिया गया है। इसको बनाने में लगभग 25 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसकी लंबाई 480 मीटर के लगभग होगी। इसके बन जाने से लाखों यात्रियों को फायदा मिलेगा।

नोएडा प्राधिकरण की ओर से सेक्टर-52 और सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन के बीच बनाया जाएगा स्काईवॉक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • स्काईवॉक बनाने के लिए प्राधिकरण ने किया एंजेसी का चयन
  • सेक्टर-52 और सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा स्काईवॉक
  • स्काईवॉक के निर्माण से लाखों यात्रियों को मिलेगी सहूलियत

Noida News: नोएडा प्राधिकरण ने ब्लू लाइन के सेक्टर- 52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन के बीच स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। दोनों स्टेशनों के बीच स्काईवॉक बन जाने के बाद यहां से गुजरने वाले लाखों यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। इस स्काईवॉक को बनाने के लिए प्राधिकरण ने एजेंसी का भी चयन कर लिया है। यह एजेंसी स्काईवॉक और स्वचलित रैंप (ट्रैवलेटर) के लिए, कंक्रीट और लोहे का स्ट्रक्चर तैयार करने का काम करेगी। आगे ट्रैवलेटर, एयर कंडीशन और बिजली से जुड़े काम दूसरी एजेंसी को दिया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, दोनों मेट्रो लाइन के बीच नोएडा अथॉरिटी एयर कंडीशनर स्काईवॉक बनाने का काम कर रही है। स्काईवॉक बनाने में करीब 25 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसमें सिविल के काम में करीब 11 करोड़ रुपए और विद्युत यांत्रिक के काम में 14 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस स्काईवॉक की लंबाई लगभग 480 मीटर होगी। इस पर लगने वाले ट्रैवलेटर की स्पीड 5 मीटर प्रति सेकंड तक रहेगी। यह स्काईवॉक पूरी तरह वाटरप्रूफ बनाया जाएगा।

एयरपोर्ट की तरह स्वचालित होगा ट्रेवलेटर

मेट्रो स्टेशन के यात्रियों को स्टेशन बदलने के लिए ई-रिक्शा या पैदल नहीं जाना होगा। दो मेट्रो स्टेशनों के बीच स्काईवॉक बनने के बाद आसानी से लोग अपने स्टेशन तक आवागमन कर सकेंगे। यह स्काईवॉक नोएडा का सबसे अत्याधुनिक सुविधाओं वाला होगा। इस पर एयरपोर्ट की तरह स्वचालित रैंप (ट्रेवलेटर) भी लगाने का काम होगा। इसके बन जाने के बाद यात्रियों की संख्या में और अधिक इजाफा हो सकता है। यात्रियों को सेक्टर-52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
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