हकीकत बनाम सपना : जिले की सड़कों पर गड्ढों का राज, 8 सड़कों को मॉडल बनाने की हो रही तैयारी

नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे आधुनिक शहरों को प्लानिंग के साथ बसाया गया है। ऐसे में यहां की सड़कों पर गड्ढे होना प्रशासन की नाकामी का सीधा-सीधा नमूना होते हैं। शहरों की सड़कों पर गड्ढों का अंंबार लगा है और प्रशासन मॉडल सड़कें बनाने का सपना देख रहा है। उम्मीद है मॉडल सड़कें बनाने के साथ-साथ सड़कों के गड्ढों को भी भरा जाएगा।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सड़कें गड्ढा मुक्त कब होंगी?

गौतमबुद्ध नगर जिला, उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार है। उद्योग-धंधों में यह जिला अग्रणी है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश के कई अन्य राज्यों से भी लोग यहां आजीविका की तलाश में आते हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे शहर इसी जिले में मौजूद हैं। यह सभी आधुनिक शहर हैं और इन्हें पूरी प्लानिंग से साथ बसाया गया है। लेकिन सपनों के इन शहरों में सपने और हकीकत के बीच का अंदर देखना हो तो यहां की सड़कें उसकी गवाही देती हैं। जिले की 8 सड़कों को मॉडल सड़क बनाने की तैयारी हो रही है। हकीकत ये है कि जिले में जहां-तहां सड़कों पर गड्ढों का राज है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र से पहले अधिकारियों को आदेश दिया था कि त्योहार शुरू होने से पहले सड़कों के गड्ढे भर दिए जाएं। त्योहार खत्म भी हो गए, लेकिन सड़कों के गड्ढे आज भी राहगीरों को मुंह चिढ़ा रहे हैं और उनका मुंह तोड़ने के लिए सड़क पर बिछे पड़े हैं।

नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा, जहां-तहां सड़कों पर गड्ढे देखने को मिलते हैं। फिर चाहे आप नोएडा में सेक्टर 18 और सेक्टर 38 के बीच GIP मॉल के सामने सड़क से गुजरें या ग्रेटर नोएडा वेस्ट में चार मूर्ति चौराहे के आसपास। ग्रेटर नोएडा में तो प्राधिकरण के दफ्तर से सिर्फ एक किमी की दूरी पर जुनपत गोलचक्कर से सेक्टर म्यू और ओमीक्रोन की तरफ जाने वाली सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क, कुछ समझ ही नहीं आता। सड़कों पर गड्ढे होने की वजह से आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जुनपत गोलचक्कर के पास में ही मेट्रो का डिपो स्टेशन भी है, जहां तक सड़क गड्ढों से पटी पड़ी है।

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की सड़क

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत बसाई जा रही इंडस्ट्रियल टाउनशिप को जोड़ने वाली सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। यहां 24 घंटे गाड़ियों का दबाव बना रहता है। सूरजपुर से कासना की ओर जाएंगे तो यहां भी आपको सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे देखने को मिलेंगे। सेक्टर पी में श्री गोलचक्कर के पास ही गड्ढे प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। इस गोलचक्कर से आगे होंडा चौक तक का सफर भी हिचकोलों के साथ ही पूरा होता है। गड्ढे इतने हैं कि हमेशा एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है।

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