Republic Day 2023: आजादी के मतवालों की कर्मभूमि रहा गौतमबुद्धनगर का ये गांव, भगत सिंह से जुड़ी है कहानी

Nalgada Village: गौतमबुद्धनगर का नलगढ़ा गांव, यह अपने आप में स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की कहानी समेटे हुए है। इस गांव में भगत सिंह सरीखे अमर शहीदों ने बम बनाने का काम किया था। इसका प्रमाण गांव के गुरुद्वारे में रखा वह पत्थर है जिससे बम के मसाले तैयार किए जाते थे। यह गांव गौतमबुद्धनगर के सेक्टर-145 के पास है।

गौतमबुद्धनगर के नलगढ़ा गांव में आज भी मौजूद है वो पत्थर से जिससे बम बनाते थे भगत सिंह

मुख्य बातें
  • आज देश मना रहा है 74वां गणतंत्र दिवस
  • गौतमबुद्धनगर में स्थित है नलगढ़ा गांव
  • नलगढ़ा गांव में लगभग छह साल रुके थे भगत सिंह

Noida News: भारत में 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। देश को आजादी दिलाने में गौतमबुद्धनगर का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। न केवल यहां के वीर क्रांतिकारियों ने आजादी की जंग में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि जिले को देश के महान क्रांतिकारियों की शरणस्थली होने का तगमा भी मिला। नोएडा सेक्टर -145 स्थित नलगढ़ा गांव में रखा एक पत्थर इस बात का गवाही देता है।

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बता दें कि, अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु आजाद हिंद फौज में रहे करनैल सिंह के यहां पर करीब छह सालों तक छिपे रहे। नलगढ़ा गांव में ही क्रांतिकारियों ने वह बम तैयार किया जिसे 8 अप्रैल 1929 को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में फेंका गया था। यहां आकर देश के महान क्रांतिकारी अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की गुप्त रणनीति भी अख्तियार किया करते थे।

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यहां पर स्थित है नलगढ़ा गांवबता दें कि, नलगढ़ा गांव महामाया फ्लाईओवर से लगभग 15 किमी दूर एक्सप्रेस वे के पास पड़ता है। इस गांव में अब अथॉरिटी की ओर से राष्ट्रीय शहीद स्मारक बनाने की तैयारी है। बता दें कि, आने वाले समय में यह नोएडा का ऐतिहासिक स्थल बनेगा। दिल्ली से नलगढ़ा की दूरी महज 25 किलोमीटर है। ऐसे में दिल्ली से सटा होने की वजह से क्रांतिकारियों की ये पहली पसंद हुआ करती थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां बाढ़ जोन एरिया और घना जंगल हुआ करता था। यहां किसी भी क्रांतिकारी को ढूंढ पाना आसान नहीं था। बारिश के समय सूरजपुर से नलगढ़ा तक नाव से सफर हुआ करता था और यमुना पार कर क्रांतिकारी दिल्ली जाया करते थे।

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