Noida Water Crisis : पारस टिएरा में चार दिन से जलसंकट, पानी के लिए तरस रहे 15 हजार लोग, जानें क्या है वजह ?
Noida Water Crisis : पारस टिएरा अपार्टमेंट में 32 टावर हैं जिनके अंदर 3,954 फ्लैट्स में करीब 15 हजार लोग निवास करते हैं। यहां पर एक जून से जलसंकट गहरा गया है और लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
पारस टिएरा सोसायटी में चार दिन से जलसंकट।
Noida Water Crisis : नोएडा के सेक्टर 137 की पारस टिएरा (Paras Tierea) सोसायटी में लोग पिछले चार दिनों से जलसंकट से जूझ रहे हैं। आरोप है कि, 31 मई को ये समस्या उस वक्त से शुरू हुई है जब बिल्डर से सोसायटी का हैंडओवर ले लिया गया था और एओए ने उस पूरे स्टाफ को हटा दिया था जो, मेंटिनेंस दे रहे थे। बता दें कि, सेक्टर 137 क्षेत्र में पारस टिएरा काफी रिहायशी सोसायटी में से एक है। यहां पर 32 टावर हैं जिनके अंदर 3,954 फ्लैट्स में करीब 15 हजार लोग निवास करते हैं। संबंधित खबरें
अप्रशिक्षित स्टाफ रखने के कारण दिक्क्त
पारस टिएरा अपार्टमेंट के लोग बताते हैं कि, विगत 31 मई को यहां पर ओनर्स असोसिएशन की कार्यकारिणी ने बिल्डर से हैंडओवर ले लिया था। इसके बाद एओए ने उसपूरे स्टाफ को निकाल दिसा जो बिल्डर की ओर से मेंटिनेंस देते थे। वहीं, जिस नए स्टाफ की भर्ती की गई वह पूरी तरह से अप्रशिक्षित हैं और सोसायटी के उपकरणों को चलाने में अक्षम हैं। इसी कारण से पानी सप्लाई की लाइन के वॉल्व को वे नहीं खोल पा रहे हैं और लोगों को जलसंकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जब लोगों ने इसकी शिकायत एओए से की गई तो उन्होंने प्राधिकरण की ओर कम सप्लाई आने का हवाला दिया और बताया कम प्रेशर की वजह से टंकियां नहीं भर पा रहीं, जबकि सच्चाई ये थी कि, उनका नया स्टाफ वाल्व तक नहीं खोल पा रहे हैं। संबंधित खबरें
टैंकर मंगाकर जरूरत हो रही पूरी
पारस टिएरा में रहने वाले लोगों को पूरे मामले की वास्तविकता पता चली तो उन्होंने एओए का घेराव किया और पानी की आपूर्ति बहाल कराने की बात कही। इसके बाद से ही लोगों को टैंकर मंगवाकर अपनी जरूरत पूरी करनी पड़ रही है। वहीं, लोगों की शिकायत पर नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम जल आरपी सिंह ने भी मामले को आकर समझा। उन्होंने कहा कि, 'अथॉरिटी की ओर से पूरी सप्लाई दी जा रही है। ये दिक्कत पानी की लाइन में एयर आने की वजह से हो रही है और ये मामला सोसायटी का आंतरिक मामला है।'संबंधित खबरें
इनकी भी सुनिए
एओए अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल रमेश कुमार गौतम बताते हैं कि, बिल्डर ने हैंडओवर के समय जानबूझकर नए स्टाफ की ट्रेनिंग नहीं होने दी। जब पूरे स्टाफ ने पानी समेत अन्य उपकरणों को चलाना चाहा तो उन्हें कठिनाई हुई। हैंडओवर मिलने के पहले से ही बटरफ्लाई वॉल व फ्लूड वॉल टूटे हुए थे। जिस कारण से पानी एक ओर से टंकी में जा रहा था तो वहीं, दूसरी ओर वॉल्व से नीचे आ रहा था। इसके लिए बिल्डर प्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार है। संबंधित खबरें
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शाश्वत गुप्ता author
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
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