अजिंक्य रहाणे की कप्तानी का मुरीद हुआ ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज, कहा- नेतृत्व करने के लिये हुआ है उनका जन्म

क्रिकेट
भाषा
Updated Jan 03, 2021 | 18:03 IST

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने अपने साप्ताहिक कॉलम में भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी और नेतृत्व क्षमता की जमकर तारीफ की है।

Ajinkya Rahane
अजिंक्य रहाणे  
मुख्य बातें
  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने मेलबर्न टेस्ट में भारतीय टीम की जीत के बाद की है रहाणे की जमकर तारीफ
  • साल 2017 में धर्मशाला टेस्ट में ही रहाणे ने दिखा दी थी अपनी नेतृत्व क्षमता
  • चैपल ने रहाणे को बताया है चालाक और प्रतिभाशाली कप्तान

नई दिल्ली: कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे को 'जन्मजात नेतृत्वकर्ता' करार देते हुए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने मेलबर्न टेस्ट में भारत की जीत का श्रेय बल्ले से उनके उपयोगी योगदान के अलावा 'चतुराई से भरी साहसिक' कप्तानी को दिया। एडिलेड में पहला टेस्ट मैच गंवाने वाली भारतीय टीम ने रहाणे की अगुवाई में मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करके शानदार वापसी की।

नेतृत्व करने के लिए हुआ है रहाणे का जन्म
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो में अपने कॉलम में लिखा, 'इसमें कोई हैरानी नहीं कि अजिंक्य रहाणे ने एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) पर शानदार तरीके से भारत की अगुवाई की। जिस किसी ने भी 2017 में धर्मशाला में उन्हें कप्तानी करते हुए देखा होगा वह पहचान गया होगा कि उनका जन्म क्रिकेट टीमों का नेतृत्व करने के लिये हुआ है।'

धर्मशाला टेस्ट में ही रहाणे ने दिखा दी थी नेतृत्व क्षमता
धर्मशाला में 2017 में खेले गये टेस्ट मैच में भारत ने चौथे टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत हासिल करके चार मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीती थी। भारत ने तब भी लक्ष्य का पीछा किया था और रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद रहे थे। चैपल ने लिखा, 'एमसीजी में खेले गये मैच और 2017 के मैच में काफी समानताएं हैं। पहला यह उन्हीं दो बेहद प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच खेला गया था, दूसरा रविंद्र जडेजा ने पहली पारी में निचले क्रम में उपयोगी योगदान दिया था और तीसरा रहाणे ने कम लक्ष्य के सामने दबाव वाली परिस्थितियों में आक्रामक बल्लेबाजी करके जरूरी रन जुटाये।'

कुलदीप को गेंद थमाना था साहसिक कदम
उन्होंने कहा, 'रहाणे ने धर्मशाला में तब मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को गेंद सौंपी जबकि तब डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ ने शतकीय साझेदारी कर रखी थी। मुझे लगता है कि यह साहसिक कदम था और यह बेहद अच्छा साबित हुआ। यादव ने जल्द ही वॉर्नर का विकेट लिया जिससे ऑस्ट्रेलियाई पारी लड़खड़ा गयी थी।

साहसी और होशियार कप्तान हैं रहाणे
चैपल ने लिखा है, 'यह कप्तान के रूप में रहाणे की सफलता का हिस्सा है। वह साहसी और होशियार कप्तान है। हालांकि इन दो महत्वपूर्ण गुणों के अलावा उनके नेतृत्व में और भी कुछ है। जब चीजें आसानी से हाथ से निकल सकती हैं वह तब भी शांतचित बने रहते हैं।' इस दिग्गज क्रिकेटर ने कहा, 'उन्होंने अपने साथियों से सम्मान हासिल किया है जो कि अच्छी कप्तानी का महत्वपूर्ण पहलू होता है। और वह जरूरत के समय रन बनाता है जिससे टीम में उनका सम्मान बढ़ जाता है।'

शतक जड़ टीम को दिलाया जीत का भरोसा
चैपल ने इसके अलावा भारतीय गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन और मोहम्मद सिराज तथा अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल के प्रदर्शन की भी प्रशंसा की। अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन के अलावा चैपल ने कहा कि रहाणे का योगदान भारत के लिये महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने कहा, 'कप्तान ने तब शतक लगाया जबकि भारत आसानी से 2-0 से पिछड़ सकता था और यह उनका प्रदर्शन था जिसने उनकी टीम को यह भरोसा दिलाया कि जीत दर्ज की जा सकती है।'

जो करता है देश के लिए करता है
चैपल ने कहा, 'मुंबई के पूर्व निवासी ने मुझे बताया कि उनकी पत्नी ने होंठो की गति से अनुमान लगाकर बताया कि रहाणे ने एमसीजी पर शतक पूरा करने के बाद 'कम ऑन इंडिया' कहा था। यह एक अन्य पहलू है जो रहाणे की कप्तानी को परिभाषित करता है। वह जो करता है टीम के लिये करता है।'
 

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