Who is Akshay Karnewar, Syed Mushtaq Ali Trophy: भारतीय घरेलू क्रिकेट में टी20 का सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 'सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी' इन दिनों जारी है। इस टूर्नामेंट में सोमवार को आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी में एक बेहद दिलचस्प मैच खेला गया। इस मैच में काफी कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको दंग कर दिया। इस दौरान सबसे बड़ा कमाल किया विदर्भ के 29 वर्षीय गेंदबाज अक्षय कर्नेवार ने, जिन्होंने टी20 क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड बना डाला है।
इस मुकाबले में विदर्भ क्रिकेट टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए विदर्भ ने मणिपुर के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई। जितेश शर्मा (31 गेंदों में नाबाद 71 रन), अपूर्व वानखेड़े (16 गेंदों में नाबाद 49 रन) और अथर्व तइडे (21 गेंदों में 46 रन) के दम पर 20 ओवर में सिर्फ 4 विकेट गंवाते हुुए 222 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
अक्षय कर्नेवार ने रचा इतिहास
जवाब देने उतरी मणिपुर की टीम को विदर्भ की शानदार गेंदबाजी का सामना करना पड़ा और इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाई अक्षय कर्नेवार ने। इस खिलाड़ी ने अपने कोटे के 4 ओवर में 2 विकेट लिए लेकिन एक भी रन नहीं दिया। जी हां, उन्होंने अपने चारों ओवर मेडन फेंके। ये कमाल टी20 क्रिकेट में पहली बार किसी गेंदबाज ने किया है। अक्षय व विदर्भ के अन्य गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी के दम पर मणिपुर की टीम को महज 55 रन पर ढेर कर दिया और विदर्भ ने 167 रनों से विशाल जीत दर्ज की।
टीम ने भी बनाया नया रिकॉर्ड
सैयम मुश्ताक अली ट्रॉफी की शुरुआत 2006 में हुई थी। तब से लेकर अभी तक पिछले 15 सालों में किसी भी टीम ने इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं की है। विदर्भ ने मणिपुर को 167 रन से हराया जिस दौरान मणिपुर के 9 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके। इससे पहले रनों के मामले में इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड 112 रन से मिली जीत थी जो कि दिल्ली और गुजरात के मैच में देखने को मिली थी।
कौन हैं अक्षय कर्नेवार, बाएं हाथ से भी गेंदबाजी, दाएं हाथ से भी कमाल?
महाराष्ट्र के वघोली में 12 अक्टूबर 1992 को जन्में अक्षय कर्नेवार बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और दाएं व बाएं हाथ, दोनों से स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। दरअसल, उन्होंने शुरुआत तो दाएं हाथ के स्पिनर के रूप में की थी लेकिन क्योंकि वो लिखने के अलावा बाकी सब कुछ बाएं हाथ से करते हैं इसलिए उनको बाएं हाथ से गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित किया गया और देखते-देखते वो दोनों हाथों से गेंदबाजी करने में सक्षम हो गए।
उन्होंने लिस्ट-ए क्रिकेट में दिसंबर 2015 में विजय हजारे ट्रॉफी खेलते हुए डेब्यू किया था। जबकि अगले साल विदर्भ के लिए पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के जरिए टी20 में आगाज किया। साल 2017-18 की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने पंजाब के खिलाफ 47 रन देकर 6 विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी धी। जबकि 2018-19 की विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान उन्होंने 7 मैचों में 15 विकेट लिए और वो सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे।
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