धुआंधार बल्लेबाज आंद्रे रसेल ने बताई आपबीती, 'बायो-बबल' में रहने से इस तरह हो रहा है नुकसान

क्रिकेट
भाषा
Updated Jun 03, 2021 | 21:33 IST

Andre Russell speaks on Bio bubble experience and side-effects: कोरोना काल में क्रिकेट टूर्नामेंट कराने के लिए खिलाड़ियों को बायो-बबल में रखना होता है। आंद्रे रसेल ने इसके साइड इफेक्ट् बताए हैं।

Andre Russell
Andre Russell  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आंद्रे रसेल ने बताए बायो बबल के साइड इफेक्ट्स
  • जैव सुरक्षित माहौल में रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है असर
  • कोविड काल में दुनिया के तमाम क्रिकेट टूर्नामेंट इसी तरह आयोजित हो रहे हैं

वेस्टइंडीज के आक्रामक आलराउंडर आंद्रे रसेल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लंबे समय तक जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है। रसेल पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के बाकी बचे हिस्से में खेलने के लिए अभी यूएई में हैं। जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में कोविड-19 संक्रमण के मामले आने के बाद मार्च में पीएसएल को निलंबित कर दिया गया था।

रसेल ने अबुधाबी से जियो न्यूज से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसका (जैविक रूप से सुरक्षित माहौल) मुझ पर असर पड़ रहा है।’’ इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलने वाले रसेल ने कहा, ‘‘मैं किसी और खिलाड़ी या कोच या पृथकवास से गुजरने वाले किसी अन्य के बारे में नहीं कह सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन निश्चित तौर पर इसका मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पडा है, एक जैविक रूप से सुरक्षित माहौल से दूसरे में जाना, कमरे में बंद रहना, आप बाहर नहीं जा सकते, आप किसी अन्य जगह नहीं जा सकते, आप लोगों से नहीं मिल सकते, यह पूरी तरह से अलग है।’’ रसेल पीएसएल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स की ओर से खेलते हैं।

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