दिलचस्पः क्रिकेट इतिहास का सबसे रोमांचक टेस्ट मैच, जब आखिरी ओवर ने दुनिया को कर दिया हैरान

14th December, Today in Cricket History: आज का दिन क्रिकेट इतिहास में एक ऐसे टेस्ट मैच के लिए जाना जाता है जिसका सबसे रोमांचक अंत हुआ था। आइए जानते हैं उस मैच में क्या हुआ था।

Cricket Throwback 14th December
क्रिकेट इतिहास में 14 दिसंबर (Representative Image)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे रोमांचक मैच
  • जब गाबा पर वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट हुआ था टाई
  • अंतिम ओवर ने दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए थे

Cricket Throwback 14th December: टेस्ट क्रिकेट इस खेल का सबसे पुराना व सबसे लंबा प्रारूप है और शायद इसी वजह से टेस्ट क्रिकेट मैचों में मैदान पर ज्यादा दर्शक नजर नहीं आते, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब टेस्ट मैच का जलवा हुआ करता था, मैदान में दर्शक भी होते थे और मैच रोमांचक भी हुआ करते थे। आजकल आप वनडे और टी20 मैचों में कई मुकाबलों को अंतिम क्षणों तक जाते व दर्शकों की धड़कनें बढ़ाते हुए देखते होंगे लेकिन एक टेस्ट मैच भी ऐसा था जिसने सबसे लंबे प्रारूप में भी पहली बार दिखाया था कि सफेद जर्सी में भी ये मुमकिन है।

हम बात कर रहे हैं 1960 के वेस्टइंडीज के ऑस्ट्रेलिया दौरे से जुड़ी। उस सीरीज का पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और मेहमान वेस्टइंडीज टीम के बीच ब्रिस्बेन (गाबा) के मैदान पर खेला गया था। उन दिनों भी टेस्ट मैच पांच दिन के खेल वाले हुआ करते थे, बस फर्क इतना था कि बीच में एक दिन विश्राम के लिए होता था यानी मुकाबला पूरी तरह से छह दिन का हुआ करता था। इसके अलावा उन दिनों एक ओवर में आठ गेंदें हुआ करती थीं।

वेस्टइंडीज ने टॉस जीता

उस रोमांचक टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। वेस्टइंडीज की टीम ने पहली पारी में अपने महान बल्लेबाज गैरी सोबर्स की 132 रनों की पारी और चार बल्लेबाजों के अर्धशतकों के दम पर ऑलआउट होने से पहले 453 रन बनाए थे।

ऑस्ट्रेलिया का जवाब

जवाब में उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने नॉर्म ओ'नील की 181 रनों की शानदार पारी की बदौलत ऑलआउट होने से पहले 505 रन बनाए। उन दिनों वेस्टइंडीज में एक से एक शानदार गेंदबाज मौजूद थे। उस पारी में वेस हॉल ने सर्वाधिक 4 विकेट लिए थे।

वेस्टइंडीज की दूसरी पारी

इसके बाद जब वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में खेलने उतरी तो प्रदर्शन पहली पारी जैसा नहीं रहा। इस पारी में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उनके गेंदबाज एलेन डेविडसन ने कहर बरपाया जिन्होंने पहली पारी में 5 विकेट लेने के बाद इस दूसरी पारी में 6 विकेट चटकाए और वेस्टइंडीज की टीम 284 रन पर सिमट गई।

ऑस्ट्रेलिया के सामने 233 रन का लक्ष्य

अब चौथी व अंतिम पारी में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के सामने 233 रनों का लक्ष्य था। मैच अंतिम दिन में था जब ऑस्ट्रेलियाई टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी लेकिन उनकी टीम में जीत की ललक ऐसी थी  कि उनके मध्यक्रम ने जीत को मुमकिन देखते हुए तेज बल्लेबाजी शुरू कर दी और इसमें हीर बनकर सामने आए ऑलराउंडर एलेन डेविडसन जो गेंदबाजी करते हुए इस मैच में 11 विकेट ले चुके थे और उनका साथ देने के लिए पिच पर कप्तान रिची बेनॉ भी मौजूद थे।

ऐसा था रोमांचक आखिरी ओवर

ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 227-7 था और पांचवें दिन मैच अंतिम ओवर तक जा पहुंचा था। ऑस्ट्रेलिया को आठ बॉल वाले आखिरी ओवर में जीत के लिए कुल 6 रन चाहिए थे और उनके पास तीन विकेट बाकी थे। गेंदबाजी के लिए वेस्टइंडीज के सबसे धाकड़ गेंदबाज वेस हॉल आए। पिच पर वॉली ग्राउट के साथ दूसरे छोर पर अर्धशतक जड़कर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिची बेनॉ टिके हुए थे। इसके बाद कुछ ऐसा हुआ..

पहली गेंद - वॉल ग्राउट ने लेग बाइ का एक रन लिया। अब 7 गेंदों में 5 रन चाहिए थे।

दूसरी गेंद - रिची बेनॉ ने हुक शॉट खेला लेकिन विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हो गए। अब सिर्फ 2 विकेट बाकी। ऑस्ट्रेलिया को 6 गेंदों में 5 रन चाहिए।

तीसरी गेंद - नए बल्लेबाज इयन मैकिफ ने पहली गेंद पर कोई रन नहीं लिया। अब 5 गेंदों में 5 रन चाहिए।

चौथी गेंद - इस बार मैकिफ ने किसी तरह बाइ का एक रन लिया। अब 4 गेंदों में 4 रन चाहिए।

पांचवीं गेंद - इस गेंद पर ग्राउट ने बाउंसर पर शॉट खेला जिस पर फील्डिंग में तालमेल की कमी के कारण कैच छूट गया। बल्लेबाजों ने एक रन ले लिया। अब 3 गेंदों में 3 रन चाहिए।

छठी गेंद - वेस हॉल की इस गेंद पर मैकिफ ने मिडविकेट बाउंड्री की ओर शॉट खेला और रन के लिए दौड़ लगा दी। दोनों बल्लेबाजों ने शानदार रफ्तार से दो रन ले लिए थे। इसके बाद वो जीत के लिए तीसरे रन के लिए दौड़ पड़े लेकिन फील्डर कॉनरेड हंट ने एक बेहतरीन थ्रो सीधे विकेटकीपर के हाथों में फेंका और इससे पहले की ग्राउट रन पूरा कर सकते, वो रन आउट हो गए। स्कोर बराबर हो गए। अब जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया को 2 गेंद पर 1 रन चाहिए थे और सिर्फ 1 विकेट बाकी था।

सातवीं गेंद - इस गेंद पर नए बल्लेबाज लिंडसे क्लाइन ने स्क्वायर लेग दिशा में शॉट खेलकर विजयी रन लेने के लिए दौड़ लगा दी लेकिन फील्डर जो सॉलमन ने शानदार फील्डिंग करते हुए एक स्टंप पर निशाना लगाते हुए सटीक थ्रो फेंका और मैकिफ रन पूरा करने से बस कुछ कदम से चूक गए और आउट हो गए। यानी अंतिम विकेट भी गिर गया और मैच का नतीजा टाई रहा। ये टेस्ट क्रिकेट इतिहास के 84 सालों में पहला टाई साबित हुआ। आपको बता दें कि टेस्ट क्रिकेट में इसके अलावा सिर्फ एक मैच और टाई हुआ था जो 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चेन्नई में खेला गया था।

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