मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) की भविष्य की बैठकों में बोर्ड का प्रतिनिधित्व करेंगे। बीसीसीआई की रविवार को 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया है। आईसीसी सीईसी की अगली बैठक की तारीख और जगह अभी तय नहीं हुई है।
मालूम हो कि जब बीसीसीआई का प्रशासनिक काम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) देख रही थी तब बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी बोर्ड के प्रतिनिधि थे। हालांकि, अब पूर्ण बोर्ड के पदभार संभालने के बाद यह जिम्मेदारी एक बार फिर सचिव को सौंप दी गई है। शाह 23 अक्टूबर को सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के साथ सचिव बने थे। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'जब भी बैठक होगी, जय इसमें बोर्ड का प्रतिनिधित्व करेंगे।'
इसके अलावा सौरव गांगुली की अगुवाई वाली एजीएम में बीसीसीआई के पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े नियमों में ढिलाई देने का फैसला किया गया है। हालांकि बोर्ड को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। इस कदम को अगर स्वीकृति मिलती है तो जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। शाह के मौजूदा कार्यकाल में एक साल से कम समय बचा है।
मौजूदा बीसीसीआई संविधान के मुताबिक, अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं जो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। वहीं, मौजूदा पदाधिकारी चाहते हैं कि अनिवार्य ब्रेक किसी व्यक्ति के बोर्ड और राज्य संघ में छह साल के दो कार्यकाल अलग-अलग पूरा करने पर शुरू हो।
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