नई दिल्ली: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली इन दिनों कोरोना वायरस से जंग से होने वाले नुकसान का आकलन करने और इससे उबरने के लिए योजना बनाने में जुटे हैं। वो कोविड 19 की वजह से हुए नुकसान की वजह से बेहद दुखी और डरे हुए हैं। उन्होंने मौजूदा परिस्थिति की तुलना खतरनाक पिच पर टेस्ट मैच खेलने से की है।
खतरनाक पिच पर टेस्ट मैच जैसी है कोरोना से लड़ाई
एक कार्यक्रम के दौरान गांगुली ने कहा, 'यह बेहद खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसी स्थिति है। गेंद सीम भी कर रही है और स्पिन भी ले रही है। बल्लेबाज के पास गलती की बहुत कम गुंजाइश है। इसलिए बल्लेबाज को गलती करने से बचते हुए विकेट बचाये रखकर रन बनाने होंगे और यह टेस्ट मैच जीतना होगा।' गांगुली ने अपने जमाने में कई दिग्गज तेज गेंदबाजों और स्पिनरों का डटकर सामना किया और उनमें सफल साबित हुए। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने खेल के मुश्किल पलों और वर्तमान के स्वास्थ्य संकट को एक जैसा बताया। उन्होंने कहा, 'यह बेहद मुश्किल स्थिति है लेकिन उम्मीद है कि हम सभी मिलकर यह मैच जीतने में सफल रहेंगे।'
मौजूदा स्थिति को देखकर होता है दुख
गांगुली ने इस महामारी के कारण कई लोगों के जान गंवाने और इससे हुए भारी नुकसान पर दुख व्यक्त किया। इस बारे में उन्होंने कहा, 'मैं वर्तमान स्थिति देखकर वास्तव में दुखी हूं क्योंकि इतने अधिक लोग इससे पीड़ित हैं। हम अब भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस महामारी को कैसे रोकना है। विश्व भर के इस माहौल से मैं वास्तव में परेशान हूं। हम नहीं जानते कि यह बीमारी कब और कहां से आयी। हम सभी इसके लिये तैयार नहीं थे।'
उन्हें भी लगता है कोरोना से डर
गांगुली केवल परेशान ही नहीं है बल्कि उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें खुद भी इस बीमारी के कारण डर लगता है। उन्होंने कहा, 'लोग इससे इतने अधिक प्रभावित हैं। कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसी स्थिति मुझे बहुत परेशान कर देती है और मुझे भी डर लगता है। लोग किराने का सामान, खाना आदि पहुंचाने के लिये मेरे घर पर भी आते हैं, इसलिए मुझे भी थोड़ा डर लगता है। यह मिश्रित भावनाएं हैं। मैं जितना जल्दी हो सके, इस बीमारी का खात्मा चाहता हूं।'
मुश्किल वक्त में सतर्क रहना सिखाया क्रिकेट ने
उन्होंने कहा कि क्रिकेट ने उन्हें मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना और हर समय सतर्क रहने का महत्व सिखाया। इस पूर्व कप्तान से पूछा गया कि वह खुद को सकारात्मक कैसे बनाये रखते हैं, 'क्रिकेट ने मुझे काफी कुछ सिखाया। मैंने वास्तविक जिंदगी में कई कड़ी परिस्थितियां झेली हैं। आपको ऐसी परिस्थितियों में रन बनाने होते हैं क्योंकि यह केवल एक गेंद का मामला होता है। अगर आप एक गलत कदम उठाते हो तो फिर आपको अगला मौका नहीं मिलेगा। इस तरह की परिस्थितियां आपको वास्तविक जिंदगी की स्थितियों के लिये तैयार रखती हैं।'
परिवार के साथ मिला है वक्त गुजारने का मौका
बीसीसीआई प्रमुख ने हालांकि कहा कि उन्हें लंबे समय बाद अपने परिवार के साथ काफी समय बिताने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन को एक महीना हो गया है। इससे पहले मुझे इस तरह से घर में रहने का समय नहीं मिलता था। हर दिन काम के लिये यात्रा करना मेरी जीवनशैली थी। पिछले 30-32 दिनों से मैं अपने परिवार के साथ घर पर हूं। मैं अपने परिवार के साथ हूं। अपनी पत्नी, बेटी, मां और भाई के साथ समय बिता रहा हूं। मुझे लंबे अर्से बाद ऐसा समय मिला है। इसलिए मैं इसका आनंद भी ले रहा हूं।'
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