नई दिल्ली: सांस थाम देने वाला मुकाबला। हर गेंद में नया रोमांच। बाजी कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ। पल-पल में दर्शकों के मुंह से आह निकलना। फिर राहत की सांस लेना। फिर आखिरकार जब बेन स्टोक्स ने बाउंड्री जमाने के बाद पूरे जोश के साथ जीत का जश्न मनाया, तो उस समय स्टेडियम में गूंज और उस पल का आनंद देखते ही बन रहा था। इस तरह के रोमांच से ही भरपूर था हेडिंग्ले टेस्ट।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज 2019 का यह टेस्ट नाटक से भरा हुआ था। इस दिन दुनिया ने एक बड़ा खिलाड़ी बनते देखा और वो है बेन स्टोक्स। इसी मैदान पर इयान बॉथम का शानदार प्रदर्शन के कारण क्रिकेट जगत में कद बढ़ा था और यही बेन स्टोक्स ने भी अपनी अप्रतिम छाप छोड़ी। स्टोक्स ने ऐसी पारी खेली थी कि इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी जीत दर्ज की और 131 साल का इतिहास पलट दिया। यह जीत इंग्लैंड ने पिछले साल इसी दिन हासिल की थी, तो इसके एक साल पूरे होने पर उस रोमांच को दोबारा याद करते हैं।
इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और उसके तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने इसे एकदम सही साबित किया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने आर्चर के सामने सरेंडर किया और उसकी पहली पारी महज 179 रन पर सिमटी। डेविड वॉर्नर (61) और मार्नस लाबुशेन (74) के अर्धशतक जोफ्रा आर्चर (6 विकेट) के सामने फीके पड़ते दिखे।
इतनी अच्छी शुरूआत का इंग्लैंड को कोई फायदा नहीं मिला। जोश हेजलवुड (5 विकेट) और अन्य तेज गेंदबाजों के सामने मेजबान टीम के बल्लेबाज पूरी तरह बेबस नजर आए। पूरी टीम सिर्फ 67 रन पर ढेर हो गई। इस तरह मेहमान टीम को पहली पारी के आधार पर 112 रन की बढ़त मिली। मार्नस लाबुशेन (80) की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 246 रन पर ऑलआउट हुई और इंग्लैंड को जीत के लिए 359 रन का लक्ष्य मिला। स्टोक्स ने सबसे ज्यादा तीन विकेट झटके थे।
359 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने चौथे दिन की शुरूआत 156/3 के स्कोर से की। स्टोक्स ने जॉनी बेयरस्टो (36) के साथ 86 रन की साझेदारी ने इंग्लैंड की उम्मीद जगाई, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने जोरदार वापसी की। कंगारू गेंदबाजों ने इंग्लैंड के सातवें से 10वें बल्लेबाज को 41 रन के भीतर आउट कर दिया और मैच पर पकड़ बना ली क्योंकि आखिरी बल्लेबाज जैक लीच क्रीज पर आ चुके थे।
जैक लीच ने क्रीज पर महत्वपूर्ण एक घंटा बिताया और स्टोक्स ने अपने अंदाज में क्रिकेट खेलना शुरू किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने नाथन लियोन की गेंद पर रिवर्स स्लॉग स्वीप से छक्का जमाया तो कुछ और बड़े शॉट्स खेले। अच्छी बात यह थी कि स्टोक्स ने जोखिमभरे शॉट नहीं खेले थे।
इस दौरान कई नाटकीय पल देखने को मिले। नाथन लियोन ने लीच को रनआउट करने का आसान मौका गंवाया तो स्टोक्स को एलबीडब्ल्यू अपील पर जीवनदान मिला क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले ओवर में अपना रिव्यु उपयोग करके बर्बाद कर लिया था। एक-एक रन पर तालियों की गड़गड़ाहट सुनने को मिल रही थीं। दर्शक लगातार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे थे। बेन स्टोक्स ने अपनी पूरी जान लगा दी और इंग्लैंड को जीत के बेहद करीब ले आए। फिर उन्होंने पैट कमिंस की गेंद पर चौका जमाकर इंग्लैंड को लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी जीत दिलाई। बेन स्टोक्स ने मैदान में जिस तरह जीत का जश्न मनाया, वो देखते ही बनता था।
131 साल में यह पहला मौका रहा जब कोई टीम पहली पारी में 70 रन के अंदर ऑलआउट होने के बावजूद टेस्ट मैच जीती हो। यह था स्टोक्स का कमाल। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से जीत छीन ली थी। स्टोक्स ने 219 गेंदों में 11 चौके और 8 छक्के की मदद से नाबाद 135 रन बनाए थे। वहीं जैक लीच 17 गेंदों में 1 रन बनाकर क्रीज पर डटे रहे। स्टोक्स को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था। यह इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास की सबसे रोमांचक जीत में से एक है।
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