चेतेश्‍वर पुजारा-अजिंक्‍य रहाणे ने बताया, Pink Ball से एक सेशन सबसे मुश्किल होगा

क्रिकेट
Updated Nov 12, 2019 | 15:38 IST | भाषा

पुजारा ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, 'मैं इससे पहले दिलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेल चुका हूं। वह अच्छा अनुभव था। घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव फायदेमंद हो सकता है।'

ajinkya rahane and cheteshwar pujara
अजिंक्‍य रहाणे और चेतेश्‍वर पुजारा 
मुख्य बातें
  • पुजारा ने बताया कि गुलाबी गेंद से खेलने पर सबसे अहम सत्र कौन सा होगा
  • रहाणे ने बताया कि भारतीय टीम डे-नाईट टेस्‍ट को लेकर काफी उत्‍सुक है
  • भारत और बांग्‍लादेश के बीच कोलकाता टेस्‍ट 22 नवंबर से शुरू होगा

बेंगलुरु: शीर्ष बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि भारत और बांग्लादेश के बीच इस महीने के आखिर में कोलकाता में होने वाले दिन रात्रि टेस्ट मैच के दौरान 'सूर्यास्त के समय दृश्यता' का मसला हो सकता है। भारत और बांग्लादेश के बीच ईडन गार्डन्स में 22 नवंबर से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के दौरान पहली बार भारत में गुलाबी गेंद का उपयोग किया जाएगा। दोनों टीमें पहली बार दिन रात्रि टेस्ट मैच में खेलेंगी और एसजी की गुलाबी गेंद भी पहली बार आधिकारिक तौर पर उपयोग की जाएगी।

पुजारा ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, 'मैं इससे पहले दिलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेल चुका हूं। वह अच्छा अनुभव था। घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव फायदेमंद हो सकता है।' अधिकतर क्रिकेटर अपने करियर में पहली बार गुलाबी गेंद से खेलेंगे। हालांकि पुजारा, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को दिलीप ट्राफी में कूकाबुरा की गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है।

पुजारा ने कहा, 'दिन के समय रोशनी की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सूर्यास्त के समय और दूधिया रोशनी में यह मसला हो सकता है। सूर्यास्त के समय का सत्र बेहद अहम होगा। मेरा बल्लेबाज के तौर पर निजी अनुभव तो अच्छा रहा था, लेकिन मैंने जब वहां पर अन्य खिलाड़ियों से बात की तो उनका कहना था कि लेग स्पिनर को खेलना विशेषकर उनकी गुगली को समझना मुश्किल था।'

एक अन्य सीनियर खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे ने कहा कि जहां तक परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने का सवाल है तो मैच से पहले अभ्यास काफी महत्वपूर्ण होगा।
रहाणे ने कहा, 'मैं इसको लेकर काफी रोमांचित हूं। यह एक नयी चुनौती होगी। अभी पता नहीं कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी। यह मैच खेलने पर ही पता चलेगा। मैच से पहले दो तीन अभ्यास सत्र से हमें गुलाबी गेंद के बारे में सही तरीके से पता चल जाएगा कि यह कितनी स्विंग करती है और सत्र दर सत्र उसमें क्या बदलाव आते हैं। गेंद को देर से और शरीर के पास जाकर खेलना महत्वपूर्ण होगा। मुझे नहीं लगता कि हमें गुलाबी गेंद से तालमेल बिठाने में ज्यादा दिक्कत आनी चाहिए।'

बांग्लादेश ने गुलाबी गेंद से केवल एक प्रथम श्रेणी मैच खेला है। भारतीय क्रिकेटरों ने रविवार को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम में एसजी गुलाबी गेंद से अभ्यास किया था। अग्रवाल, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, रहाणे और पुजारा ने पूर्व कप्तान और एनसीए प्रमुख राहुल द्रविड़ की निगरानी में नेट्स पर अभ्यास किया था।

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