भारतीय टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में सधी हुई शुरुआत की। टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए ओपनर रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने 62 रन जोड़े। दोनों सलामी बल्लेबाज शनिवार को पहले सत्र में पवेलियन लौटे गए, जिसके बाद टीम को मजबूत साझेदारी की जरूरत थी। ऐसे में तीसरे नंबर पर खेलने उतरे 'भरोसेमंद' बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। उन्होंने बेहद बोरियत भरी पारी खेलने के बाद अपना कीमती विकेट गंवा दिया।
54 गेंदें खेलीं पर दौड़कर रन नहीं बनाया
पुजारा ने भारत के लिए कई शानदार और यादगार पारियां खेली हैं। उन्होंने कई मुश्किल मौकों पर डटकर बल्लेबाजी भी की है। लेकिन फाइनल की पहली पारी में पुजारा दमखम के साथ बल्लेबाजी नहीं कर सके और सस्ते में पेविलयन लौट गए। उन्होंने 54 गेंदें खेलकर 2 चौकों के जरिए 8 रन बनाए। पुजारा ने दौड़कर कोई रन नहीं लिया। उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 25 रन की पार्टनरशिप की। 25 से लेकर 41वें ओवर तक चली इस साझेदारी में कोहली ने 17 रनों का योगदान दिया।
चेतेश्वर पुजारा बने बोल्ट का शिकार
चेतेश्वर पुजारा की बोरियत भरी का अंत न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने किया। बोल्ट ने पुजारा को 41वें ओवर की दूसरी गेंद पर अपना शिकार बनाया। पुजारा गेंद को पिच पर पड़ने के बाद भांप नहीं पाए और एलबीडब्ल्यू हो गए। उनका विकेट 88 के कुल स्कोर पर गिरा। बता दें कि पिछली कुछ पारियों में पुजारा और बोल्ट जब भी आमने-सामने हैं तो कीवी गेंदबाज का दबदबा देखने को मिला है। बोल्ट ने चेतेश्वर पुजारा को पिछली चार टेस्ट पारियों में तीन बार आउट किया है।
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