सौरव गांगुली को केकेआर की कप्तानी से हटाना चाहते थे जॉन बुकानन और हुए सफल  

John Buchanan wanted to remove Ganguly as KKR captain: आईपीएल के पहले सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच रहे जॉन बुकानन और सौरव गांगली के बीच के रिश्तों के बारे में बताया है।

John Buchanan
John Buchanan  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • साल 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में सौरव गांगुली थे केकेआर के कप्तान
  • ऑस्ट्रेलिया को साल 2003 में विश्व कप जिताने वाले जॉन बुकानन थे कोच
  • दोनों के रिश्तों में समय के साथ बढ़ती तल्खी पर आकाश चोपड़ा ने रोशनी डाली है और बड़ा खुलासा किया है

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। चाहे ऑस्ट्रेलियाई टीम रही हो या टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलियाई कोच सौरव गांगुली की लंबे समय तक उनसे पटरी नहीं खाई। इसका खामियाजा भी उन्हें उठाना पड़ा। टीम इंडिया के इतर आईपीएल में भी कोलकाता नाइट राइडर्स( केकेआर) के कंगारू कोच जॉन बुकानन से भी गांगुली से संबंध तल्ख ही रहे थे। आकाश चोपड़ा ने गांगुली और बुकानन के बीच के संबंध पर रोशनी डाली है। 

आकाश चोपड़ा के मुताबिक, केकेआर के कप्तान सौरव गांगुली और कोच जॉन बुकानन के बीच संबंध बहुत तल्ख हो गए थे। नौबत यहां तक आ गई थी कि बुकानन गांगुली को केकेआर की कप्तानी से हटाना चाहते थे। साल 2008 में आकाश चोपड़ा केकेआर की टीम के सदस्य थे उन्होंने कहा कि दोनों के बीच शुरुआत अच्छी रही थी लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच संबंध तल्ख होते गए और टीम पहले सीजन में शानदार शुरुआत के बाद छठे स्थान पर रही। 

शुरुआत में दोनों के बीच अच्छे थे संबंध
आकाश चोपड़ा ने कहा, आईपीएल के पहले सीजन में जॉन बुकानन केकेआर के कोच थे। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग भी केकेआर की टीम में थे और सौरव गांगुली टीम के कप्तान थे। मैंने उस दौरान काफी करीब से देखा कि दोनों शुरुआत में दोनों के बीच अच्छे संबंध थे लेकिन समय के साथ वो खराब होते गए।'

बुचानन के कोच रहते ऑस्ट्रेलिया ने साल 2003 में लगातार दूसरी बार विश्व कप खिताब पर कब्जा किया था। उन्होंने साल 2009 में 'मल्टिपल कैप्टन' का प्रस्ताव रखा था लेकिन गांगुली को ये प्रस्ताव पसंद नहीं आया। गांगुली ने मार्च 2009 में कहा था कि वो इस चर्चा का हिस्सा नहीं थे। सालों बाद 2018 में बुचानन ने इस मामले पर रोशनी डालते हुए अपना पक्ष रखा और कहा कि गांगुली के साथ दिक्कतें थीं। 

पहले सीजन से ही बुकानन गांगुली को कप्तानी से हटाना चाहते थे 
आकाश चोपड़ा ने आगे कहा, बुचानन के काम का तरीका अलग था और सौरव गांगुली अलग टेंप्रामेंट के खिलाड़ी थे। अंतत: बुकानन सौरव गांगुली को कप्तानी से हटाना चाहते थे जो कि 2009 में हुआ और बैंडन मैकुलम को टीम का नया कप्तान बनाया गया क्योंकि पहले सीजन में टीम छठे स्थान पर रही थी और सौरव के कप्तानी से हटते ही टीम आठवें स्थान पर पहुंच गई।'

2009 में विवाद अपने चरम पर पहुंचा 
आकाश चोपड़ा ने आगे बताया, 2009 के सीजन की शुरुआत में ही बुकानन और सौरव गांगुली के बीच का विवाद नई ऊंचाई पर पहुंच गया था। यहां तक कि बैंडन मैकुलम को टीम का कप्तान बना दिया गया। हालांकि गांगुली ने उस सीजन सभी 13 मैच खेले लेकिन इस दौरान कुल 189 रन बनाए। अंक तालिका में केकेआर के अंतिम(आठवें) पायदान पर रहने के बाद बुचानन को कोच पद से हटा दिया गया और अगले सीजन के लिए गांगुली के हाथ में दोबारा टीम की कमान सौंप दी गई। 

विवाद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया 
आखिरकार, जॉन बुकानन को जाना पड़ा। कुछ चीजें ऐसी थी जिन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया जैसे कि वो तीन कप्तान बनाना चाहते थे जबकि ऐसा नहीं था। लेकिन जब एक चीज खराब होती है तो उसके बाद उसके बाद एक के बाद और चीजें भी खराब होती जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनके नेतृत्व में कुछ भी ठीक नहीं था।'

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर ने कहा, मैन-मैनेजमेंट एक ऐसा विषय था मैं जिसके खिलाफ था। उन्होंने एक एक करके अपने सभी दोस्तों और सहयोगियों को वहां इकट्ठा कर लिया था।एक तरह से उनका पूरा परिवार वहीं आ गया था। वहां उनके बहुत से लोग थे और ये अच्छा नहीं था। एक तरफ आप खिलाड़ियों को बेहद सावधानी से चुनते हैं वहीं दूसरी तरफ आपका पूरा परिवार सपोर्ट स्टाफ के रूप में टीम के साथ यात्रा कर रहा है। तब ऐसा हो रहा था। ये मुझे पसंद नहीं आया और इसे केकेआर के इतिहास में आज भी यह एक बुरे अध्याय के रूप याद किया जाता है। 
 

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