नई दिल्लीः आज का दिन क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर की एक यादगार पारी के लिए याद किया जाता है क्योंकि मास्टर ब्लास्टर ने 1990 में आज ही के दिन नेपियर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 88 रन की पारी खेली थी। लेकिन वो इसको शतक मेंं तब्दील नहीं कर पाए थे, वो उस समय 16 साल के थे और टेस्ट इतिहास में सबसे युवा शतकवीर बन सकते थे, खैर सचिन ने उसके बाद उस दिन को भुलाकर नया इतिहास रचा। यहां हम जिस अजीबोगरीब मैच की बात करने वाले हैं वो भी आज ही के दिन 1932 में शुरू हुआ था और दक्षिण अफ्रीकी टीम व फैन उस दिन को कभी याद रखना नहीं चाहेंगे।
दक्षिण अफ्रीका VS ऑस्ट्रेलिया
दक्षिण अफ्रीकी टीम फरवरी 1932 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी और पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही थी। उस सीरीज के शुरुआती चारों टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनको पस्त कर दिया था और मेजबान टीम 4-0 की अजेय बढ़त हासिल कर चुकी थी। अब ऑस्ट्रेलियाई टीम के निशाने पर था पांचवां व अंतिम टेस्ट जिसे जीतकर वे सीरीड में पूरा सफाया करना चाहते थे। उन्होंने ऐसा ही किया और भयानक ढंग से किया।
टॉस जीता लेकिन..
उस मैच में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उसके बाद जो कुछ हुआ वो अजीबोगरीब व ऐतिहासिक था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीकी टीम को कुल 36 रनों पर समेट दिया। एकमात्र दक्षिण अफ्रीकी कप्तान जॉक केमरोन थे जिन्होंने 11 रन बनाकर दहाई का आंकड़ा छुआ था, बाकी सभी बल्लेबाज बिना दहाई का आंकड़ा छुए पवेलियन लौट गए। उनका ऊपर से लेकर नीचे तक स्कोरकार्ड कुछ इस प्रकार था- 2, 3, 4, 0, 1, 11, 1, 1, 0, 5 और 0..हैरानी बात ये है कि इन 36 रन में भी छह एक्सट्रा रन (3 नो बॉल, 5 बाई) थे। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सिर्फ तीन गेंदबाजों ने बॉलिंग की। स्टार बने बर्ट आयरनमोंगर जिन्होंने 7.2 ओवर में कुल 6 रन लुटाकर 5 विकेट लिए, जिस दौरान 5 मेडन ओवर भी किए। उनके अलावा लॉरी नैश ने 4 विकेट और स्टैन मैकेब ने 1 विकेट लिया।
ऑस्ट्रेलिया 153 पर सिमटा लेकिन फिर से मेहमान हुए शर्मसार
जब ऑस्ट्रेलियाई टीम जवाब देने उतरी तो वे 54.3 ओवर में 153 रन बनाकर ऑलआउट हो गए। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के तीन खिलाड़ियों ने 3-3 विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका में इसके बाद थोड़ी हिम्मत आई और वे दूसरी पारी में बड़ी उम्मीदों के साथ उतरे लेकिन इस बार भी कुछ पहली पारी जैसा ही हुआ। उनकी टीम दूसरी पारी में कुल 45 रन पर ही सिमट गई। इश बार ओपनर सिड कर्नो ने सर्वाधिक 16 रन बनाए। दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका का स्कोरकार्ड कुछ ऐसा था- 0, 16, 6, 4, 0, 0, 2, 0, 8, 0 और 5 रन। यहां दूसरी पारी में भी इस कहर को अंजाम देने वालों में सबसे आगे बर्ट आयरनमोंगर थे जिन्होंने 15.3 ओवर में 7 मेडन ओवर किए और कुल 18 रन लुटाकर 6 विकेट झटक लिए।
सबसे दिलचस्प बात
इस मैच की सबसे दिलचस्प बात ये भी थी कि उस समय तीन दिवसीय टेस्ट हुआ करते थे, जिसके दौरान रेस्ट-डे भी ले सकते थे जिसके अंत की कोई समय सीमा नहीं होती थी। इस मैच के पहले दिन सिर्फ कुछ ओवर हो सके थे, दूसरे दिन कोई खेल नहीं हुआ था, फिर एक दिन रेस्ट लिया गया था और जब तीसरे दिन का खेल हुआ तो पूरा मैच इसी दिन सिमट गया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज आयरनमोंगर मैच के हीरो बने जिन्होंने कुल 24 रन लुटाते हुए 11 विकेट लिए।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि जब इस मैच की पहली पारी में दक्षिण अफ्रीकी टीम 36 रन पर सिमटी तो वो एक टेस्ट पारी का सबसे न्यूनतम स्कोर था, तो ऐसा नहीं है। टेस्ट मैच की एक पारी का सबसे न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है जो 1955 में अपने ही मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन पर सिमट गई थी। लेकिन हां, टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष पांच न्यूनतम स्कोर में न्यूजीलैंड के अलावा बाकी चार स्थान पर दक्षिण अफ्रीका ही है और विरोधी टीम में चार मौकों पर इंग्लैंड की टीम थी। ये हैं वो चौंकाने वाले आंकड़े-
1. न्यूजीलैंड - 26 रन पर ऑलआउट - इंग्लैंड के खिलाफ (ऑकलैंड, 1955)
2. दक्षिण अफ्रीका - 30 रन पर ऑलआउट - इंग्लैंड के खिलाफ (पोर्ट एलिजाबेथ, 1896)
3. दक्षिण अफ्रीका -30 रन पर ऑलआउट - इंग्लैंड के खिलाफ (बर्मिंघम, 1924)
4. दक्षिण अफ्रीका - 35 रन पर ऑलआउट - इंग्लैंड के खिलाफ (केपटाउन, 1899)
5. दक्षिण अफ्रीका - 36 रन पर ऑलआउट - ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (मेलबर्न, 1932)
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