शेफाली वर्मा ने पिच पर धोनी की दिला दी याद..लेकिन आउट हुईं और खड़ा हो गया नया विवाद

Shafali Verma stumped in second WODI against England: इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ भारतीय ओपनर शेफाली अपने पहले वनडे पचासे से चूक गईं। क्या उनके स्टंप होने के पीछे कोई और वजह भी है?

Shafali Verma and MS Dhoni full stretch on crease
Shafali Verma and MS Dhoni full stretch on crease  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • भारतीय महिला क्रिकेट टीम बनाम इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम - दूसरा वनडे मैच
  • अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक जड़ने से चूक गईं भारतीय ओपनर शेफाली वर्मा, हुईं स्टंपिंग का शिकार
  • महिला क्रिकेट में एलईडी गिल्लियों का ना होना बना चर्चा का विषय

भारतीय महिला क्रिकेट टीम और इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के बीच बुधवार को खेले गए दूसरे वनडे मैच में मेजबान टीम ने फिर जीत दर्ज कर ली। इंग्लैंड की टीम ने भारत को इस मैच में 5 विकेट से शिकस्त देते हुए सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली और अब तीसरे व अंतिम वनडे में वे क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेंगी। दूसरे वनडे मैच के दौरान मिताली राज (59 रन) के अलावा शेफाली वर्मा ने भी अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन इस 17 वर्षीय ओपनर के आउट होने के बाद एक नई बहस छिड़ गई।

मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतने के बाद भारतीय महिलाओं को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था। पिछले मैच में असफल रहने के बाद अपने करियर का दूसरा वनडे मैच खेल रही धुआंधार बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने टेस्ट मैच वाली लय को फिर से दिखाया और 55 गेंदों में 7 चौके जड़ते हुए 44 रनों की पारी खेली। वो सोफी एक्लेस्टोन के 17वें ओवर में अपने परिचित अंदाज में आगे बढ़कर खेलना चाहती थीं लेकिन गेंद घूमी, कीपर जोंस के हाथों में गई और वापस लौटने की पूरी कोशिश के बावजूद वो स्टंप हो गईं।

वही धोनी वाली कोशिश

जब गेंद उनकी पहुंच से बाहर निकलते हुए पीछे गई तो शेफाली ने भी फुल स्ट्रेच करते हुए उसी अंदाज में क्रीज में पहुंचने का प्रयास किया जैसे कई बार महेंद्र सिंह धोनी करके दिखाया करते थे। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेटकीपर धोनी को आउट करने के प्रयास में असफल रहा था और उनकी फुल स्ट्रेच वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। बस फर्क यही था कि धोनी क्रीज के अंदर पहुंच जाया करते थे और शेफाली कुछ इंच के फासले से चूक गईं।

LED गिल्लियों को लेकर छिड़ी बहस

शेफाली वर्मा इस गेंद पर काफी आगे बढ़कर गेंद की लेंथ बिगाड़ना चाहती थीं लेकिन जब ऐसा मुमकिन नहीं लगा तो उन्होंने लेट कट खेलने का प्रयास किया। गेंद बल्ले के संपर्क में फिर भी नहीं आई। टीवी रीप्ले देखा गया और फैसला हुआ कि शेफाली कुछ इंच से चूक गई हैं। ऐसे में बहस ये छिड़ गई कि महिला क्रिकेट में भी चमचमाती LED लाइट्स वाली गिल्लियां होनी चाहिए जैसा कि पुरुष क्रिकेट के वनडे या टी20 मैचों में देखा जाता है। उससे ये पता करने में आसानी होती है कि विकेटकीपर ने आखिर किस समय स्टंप से गिल्लियों को अलग किया।

लीजा स्थालेकर ने पोस्ट किया वीडियो, पूछा सवाल

सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस चल रही थी और इसी बीच पूूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर लीजा स्थालेकर ने वीडियो ट्वीट किया और लिखा, "ये दो वनडे मैचों में दूसरी बार हुआ है जब हम थर्ड अंपायर के लिए चीजों को और मुश्किल बना रहे हैं। अच्छा होगा अगर तेज चमक वाली रंगीन गिल्लियों को इंतजाम यहां भी किया जाए।"

एलईडी लाइट्स वाली गिल्लियों को शुरू हुए अभी लंबा समय नहीं हुआ है। पुरुष वनडे और टी20 के अधिकतर मुकाबलों में इन गिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता है जिसके लिए खासतौर पर स्टंप के साथ पूरा एक महंगा सेटअप तैयार होता है। इसमें गेंद के जरिए या फिर किसी के हाथों के जरिए अगर गिल्लियों स्टंप से अलग की गईं, तो जैसे ही वो अपनी जगह से हटेंगी तो गिल्लियां चमकने लगती हैं और अंपायर को रन आउट और स्टंपिंग जैसे डिसमिसल में फैसले लेने में आसानी होती है।

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