इन पांच वजहों से भारतीय खेल जगत के लिए रहा साल 2021 यादगार

भारतीय खेल जगत के लिए साल 2021 कई मायनों में यादगार रहा। इन पांच वजहों से साल 2021 को भारतीय खेल जगह हमेशा करेगा याद। 

Indian-Cricket-Team
भारतीय क्रिकेट टीम 
मुख्य बातें
  • भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2021 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में गाड़े सफलता के झंडे
  • टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक्स खेलों में भारत ने किया अपना सर्वकालिक सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
  • भारत की साल 2021 में बनी खेलें में नई पहचान

नई दिल्ली: साल 2021 को ऐसे तो हमेशा कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से भारत में आई त्रासदी के लिए हमेशा याद किया जाएगा। ये वो दौर था जब देश के कोने-कोने से मायूस और दुखी कर देने वाली खबरें सामने आ रही थीं। क्या आम क्या खास हर किसी पर कोरोना का कहर परपा था। लेकिन इसी दौर में अहर किसी ने लोगों के दिलों के छालों पर मरहम लगाने का काम किया तो वो भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने विभिन्न खेलों में दुनियाभर में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं और देशवासियों को खुश होने का मौका दिया। आईए ऐसे पांच खेल लम्हों पर नजर डालते जिनकी वजह से साल 2021 यादगार बन गया।

टीम इंडिया की ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी टेस्ट जीत
भारतीय टीम ने अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहराया। विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे के नेतृत्व में युवा खिलाड़ियों ने आगे आकर जो कारनामा कर दिखाया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। एडिलेड टेस्ट में महज 36 रन पर भारतीय टीम ढेर हो गई थी। लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने जो वापसी की और 2-1 के अंतर से सीरीज अपने नाम की उसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। टीम इंडिया की जीत की कहानी युवा खिलाड़ियों ऋषभ पंत, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर, रविचंद्रन अश्विन, टी नटराजन, मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी ने लिखी थी। उनका साथ अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ियों ने दिया था। 

नीरज चोपड़ा का गोल्डन थ्रो
टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के युवा एथलीट नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए अमर करा लिया। साल 2021 को नीरज की इस स्वर्णिम सफलता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। नीरज चोपड़ा ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने। वो ओलंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय भी बने और 13 साल से चले आ रहे ओलंपिक स्वर्ण के सूखे को खत्म किया। नीरज ने 87.58 मीटर दूरी तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 

ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
कोरोना संकट की वजह से एक साल देरी से आयोजित हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपना सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने साल 2012 में लंदन ओलंपिक में जीते 6 पदकों को पीछे छोड़ते हुए टोक्यो में 1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य पदक सहित कुल 7 पदक अपने नाम किए। नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भालाफेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इस शानदार प्रदर्शन पर चार चांद लगा दिए। 

पदक तालिका में भारत 48वें स्थान पर रहा। भारत ने मीराबाई चानू के भारोत्तोलन मे रजत पदक के साथ टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत की थी। उनके अलावा रवि दहिया ने कुश्ती में रजत पदक अपने नाम किया। लवलीना बोरगोहेन(बॉक्सिंग), बजरंग पुनिया(कुश्ती), पीवी सिंधू(बैडमिंटन) और भारतीय पुरुष हॉकी टीम कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल रही। 31 साल बाद इसके अलावा महिला हॉकी टीम सहित कई अन्य खिलाड़ी पोडियम के करीब पहुंचने के बाद पदक जीतने से चूक गए। 

पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का धमाल
टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता का असर पैरालंपिक खेलों में भी दिखाई दिया। भारतीय दल ने पैरालंपिक खेलों में अपना सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 19 पदक अपने नाम किए और पदक तालिका में 23वें स्थान पर रहा। भारतीय दल ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक अपने नाम किए। 

भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा आठ, शूटिंग में 5, बैडमिंटन में 4, टेबल टेनिस और तीरंदाजी में एक-एक मेडल जीते। पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार भारत के पदकों की संख्या दोहरे अंकों में पहुंची। इससे पहले भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2016 के रियो पैरालंपिक में किया था जहां 2 स्वर्ण समेत भारतीय दल ने 4 पदक अपने नाम किए थे। 

इंग्लैंड में टीम इंडिया ने लहराया जीत का परचम
विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसके घर पर चुनौती दी और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के चार मैचों में 2-1 के अंतर से बढ़त हासिल की। सीरीज का मैनचेस्टर में खेला जाने वाला आखिरी टेस्ट मैच कोरोना के कारण रद्द कर दिया गया। विवाद के बाद दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड के बीच इस मैच को जुलाई 2022 में खेले जाने की सहमति बनी।

इस सीरीज में टीम इंडिया के दबदबा दिखाई दिया। नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट ड्रॉ रहा। इसके बाद लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने जीत दर्ज करके 1-0 बढ़त बना ली। लेकिन इसके बाद लीड्स में खेले गए तीसरे मैच में भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा और सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई। विराट सेना ने चौथे टेस्ट में धमाल मचाते हुए जीत दर्ज की और 2-1 की अपराजेय बढ़त हासिल करने में सफल हुई। सीरीज का अंतिम परिणाम जुलाई 2022 में पांचवें टेस्ट मैच के बाद आएगा लेकिन भारतीय टीम इंग्लैंड से प्रशंसकों को कभी न भुलाने वाली याद देकर लौटी।

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