नई दिल्ली: तकरीबन एक साल से महेंद्र सिंह धोनी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर हैं ऐसे में उनके भविष्य को लेकर विश्व कप 2019 के बाद से लगातार अटकलें लग रही हैं। इसके साथ ही उनकी उपलब्धता भी सवालों के घेरे में है। हालांकि उन्होंने आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने की बात कही थी लेकिन ये बात अबतक साफ नहीं है कि वो आगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहते हैं या नहीं।
हालांकि धोनी के पास टी20 विश्व कप 2020 के लिए भारतीय टीम में वापसी के लिए टीम मैनेजमेंट का पूरा समर्थन था लेकिन आईसीसी ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इसे रद्द कर दिया। ऐसे में अब ये देखना है कि क्या टीम मैनेजमेंट केएल राहुल को और मौका देगा या आईसीसी की आगामी स्पर्धाओं के लिए धोनी पर भरोसा करेगा। क्रिकेट के कई जानकारों की राय है कि धोनी को अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर देना चाहिए। लेकिन कुछ का अभी भी कहना है कि धोनी को लगता है कि वो फिट हैं तो उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहिए।
धोनी को हमेशा निशाने पर लेने वाले टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर का नाम भी उन खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गया है जिनका मानना है कि धोनी अगर फिट हैं तो उन्हे टीम इंडिया के लिए खेलना जारी रखना चाहिए। ये धोनी को लेकर गंभीर के रूख में आया बड़ा बदलाव है। धोनी की कप्तानी में खेल चुके गंभीर ने कहा कि संन्यास का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यदि धोनी फिट हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए।
गंभीर ने कहा, उम्र तो महज एक आंकड़ा है। मुझे लगता है कि यदि आप गेंद पर अच्छी तरह प्रहार कर पा रहे हैं तो अच्छे फॉर्म में हैं। एमएस धोनी अगर वाकई में गेंद को अच्छी तरह हिट कर पा रहे हैं, वो अच्छे फॉर्म में हैं, अपने खेल का लुत्फ उठा पा रहे हैं और उन्हें लगता है कि वो अभी भी भारतीय टीम के लिए मैच जीत सकते हैं खासकर नंबर छह और सात पर बल्लेबाजी करते हुए और वो पूरी तरह फिट हैं तो उन्हे खेलते रहना चाहिए क्योंकि कोई किसी पर संन्यास लेने के लिए दबाव नहीं डाल सकता।'
गंभीर ने आगे कहा, बहुत सारे विशेषज्ञ धोनी जैसे व्यक्ति के ऊपर दबाव इसलिए डाल सकते हैं क्योंकि उनकी उम्र और खेल साथ नहीं दे रहा है। लेकिन संन्यास लेना एक व्यक्तिगत निर्णय है। जब आप क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं तो वो आपका व्यक्तिगत निर्णय होता है। और जब आप खेल को अलविदा कहना है तो इस निर्णय को भी उसी व्यक्ति के ऊपर छोड़ देना चाहिए।
2019 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के बाद धोनी ने खुद को वेस्टइंडीज दौरे से अलग कर लिया क्योंकि उन्हें भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग में वक्त बिताना था। इसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज से भी खुद को अलग कर लिया। इसके बाद वो न्यूजीलैंड दौरे पर भी नहीं गए। हालांकि कोरोना संक्रमण से पहले वो आईपीएल 2020 की तैयारी के लिए मैदान पर लौटे और चेन्नई में जमकर अभ्यास किया। लेकिन भारत सरकार द्वारा खेल गतिविधियों पर रोक लगाए जाने के बाद आईपीएल को रद्द कर दिया गया। ऐसे में उनकी विश्व कप में भाग लेने की संभावनाएं धूमिल हो गई थीं।
हालांकि टी20 विश्व कप के रद्द होने के बाद आईपीएल के आयोजन की विंडो बीसीसीआई को मिल गई है और यूएई में इसका आयोजन प्रस्तावित है। जिसपर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की अंतिम मुहर लगना और भारत सरकार की अनुमति मिलना बाकी है। ऐसे में सभी खिलाड़ी और टीमों के खिलाड़ी सक्रिय हो गए हैं लेकिन धोनी अब तक अभ्यास के लिए मैदान पर नहीं लौटे हैं। इस बारे में भी कोई सूचना नहीं है कि धोनी को बीसीसीआई ने कैम्प में भाग लेने के कहा है या नहीं। माना जा रहा है कि बोर्ड गैर अनुबंधित खिलाड़ियों को भी कैंप में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेगा।
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