नई दिल्ली: साल 2012 में विराट कोहली को उमरते हुए देखने को मिला था। पूर्व अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को एशिया कप में पहली बार उप-कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस टूर्नामेंट में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे। कोहली ने 119 की औसत से 357 रन बनाए थे। भारतीय टीम अगले राउंड में जगह बनाने से चूकी थी, लेकिन कोहली को उनके दमदार प्रदर्शन की वजह से काफी सराहना मिली थी।
पाकिस्तान के खिलाफ करो या मरो मैच में कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते समय अपना साहस दिखाया और 183 रन की मैच विजयी पारी खेली। 330 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को पारी की दूसरी गेंद पर गौतम गंभीर के रूप में करारा झटका लगा। युवा कोहली ने महान बनने के संकेत दिखाते हुए वनडे क्रिकेट की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली।
गंभीर के अनुसार यह विराट कोहली की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। गंभीर ने बेस्ट ऑफ एशिया कप अलांग में कहा, 'विराट कोहली ने तीनों प्रारूपों में कई अविश्वसनीय पारियां खेली, लेकिन यह सभी दृष्टिकोण से उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। पहली बात हम 330 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और हमारा पहला विकेट शून्य पर आउट हुआ। फिर कोहली ने 183 रन की पारी खेलकर भारत को मुकाबला जिताया और वो भी पाकिस्तान के खिलाफ। उस समय वह जयादा अनुभवी भी नहीं थे। मेरे मुताबिक यह विराट की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है।'
हालांकि, भारतीय टीम अगले दौर में प्रवेश करने में नाकाम रही क्योंकि बांग्लादेश ने लीग चरण के आखिरी मुकाबले में श्रीलंका को 40 ओवर के अंदर हरा दिया। इसके बाद पाकिस्तान से फाइनल में बांग्लादेश को शिकस्त झेलनी पड़ी। कोहली 2012 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर थे। इसी साल उनकी टेस्ट टीम में जगह पक्की हुई। 31 साल के कोहली अब क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम की कमान संभाल रहे हैं और उन्हें सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल