'मैं इस वजह से टीम इंडिया का कप्तान नहीं बन सका', हरभजन सिंह ने बीसीसीआई को लेकर किया सनसनीखेज दावा

Harbhajan Singh on Team India Captaincy: हरभजन सिंह ने कुछ हफ्ते पहले क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया। उन्होंने भारत के लिए आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच मार्च 2016 मं खेला था।

Harbhajan Singh
हरभजन सिंह  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • हरभजन सिंह ने 367 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले
  • उन्हें करियर में कप्तानी का मौका नहीं मिला
  • हरभजन विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे

पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने भारत के लिए कुल 367 (103 टेस्ट, 36 वनडे, 28 टी20) अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने कई मौकों पर खुद को साबित किया। हालांकि, लंबे अरसे तक भारतीय टीम का हिस्सा रहने के बावजूद हरभजन को कभी कप्तानी का मौका नहीं मिला। दिसंबर 2021 में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हरभजन ने एक सनसनीखेज दावा किया है। उनका कहना है कि अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में उनकी सिफारिश करने वाला कोई शख्स होता तो वह शायद कप्तान बन सकते थे।

दरअलल, क्रिकेटनेक्स्ट से बातचीत के दौरान हरभजन से सवाल पूछा गया कि जब से आपने क्रिकेट को अलविदा कहा है तो क्या कप्तानी एक ऐसी चीज है, जिसे लेकर आपको हैरानी होती है? क्या आपको लगता है कि आप बहुत ही सफल करियर में चूक गए? आईपीएल और राष्ट्रीय टीम में आपकी उम्मीदवारी को सीरियस सपोर्ट नहीं मिला। मुंबई इंडियंस के लिए चैंपियंस लीग ट्रॉफी की आपकी कामयाब के बारे में कोई बात नहीं होती है?

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इस सवाल के जवाब में हरभजन ने कहा, 'ओह हां! यह भी एक उपलब्धि है और मेरी कप्तानी के बारे में कोई बात नहीं करता। मैं बीसीसीआई में किसी ऐसे शख्स को नहीं जानता था, जो कप्तानी के मामले में मेरा नाम को आगे बढ़ा सके। यह जरूरी है (राष्ट्रीय टीम की कप्तानी के लिए)। अगर आप किसी (पावरफुल व्यक्ति) के पसंदीदा खिलाड़ियों की लिस्ट में से नहीं हैं तो आपको ऐसा सम्मान नहीं मिलता है।'

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हरभजन ने आगे कहा, 'अब कप्तानी वाले टॉपिक को छोड़ देते हैं, जो हुआ सो हुआ। मुझे पता है कि मैं  टीम इंडिया की कप्तानी करने के लिए काफी सक्षम था, क्योंकि हम बहुत सारे कप्तानों का मार्गदर्शन करते थे। मैं भारत का कप्तान होता या नहीं, यह कोई बड़ी बात नहीं। अगर मैं अपने भारतीय टीम का कप्तान नहीं बन सका तो मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे एक खिलाड़ी के रूप में देश की सेवा करके हमेशा खुशी मिली।'

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