दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने रिटायरमेंट के साथ ही यह वादा भी किया है कि वह अपने करियर के सबसे बड़े विवाद यानी 'मंकीगेट' कांड के पीछे की सच्चाई का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह ऑटोबायोग्राफी में इस बारे में बताएंगे। मालूम हो कि साल 2008 में भारत और ऑस्ट्रेलियाई के बीच सिडनी में खेले गए टेस्ट के आखिरी दिन हरभजन की एंड्र्यू सायमंड्स से नोक-झोंक हो गई थी। सायमंड्स ने आरोप लगाया था कि हरभजन ने नस्लीय टिप्पणी की है और उन्हें मंकी कहा है। तभी इस विवाद का 'मंकीगेट' नाम पड़ गया।
'किसी ने भी परवाह नहीं की'
हरभजन और सायमंड्स के मामले ने उस वक्त और तूल पकड़ लिया था, जब तत्कालीन कप्तान रिकी पोंटिंग ने अंपायर स्टीव बकनर और मार्क बेन्सन से भारतीय स्पिनर की शिकायत कर दी। ऐसे में नोक-झोंक से शुरू हुई बात सिडनी कोर्ट तक पहुंच गई। हालांकि, इस विवाद पर फैसला सुनाया गया तो हरभजन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले, जिससे पता चल सके कि उन्होंने नस्लीय टिप्पणी की है। हरभजन का अब इस प्रकरण पर कहना है कि किसी ने भी सच्चाई का उनका पक्ष की परवाह नहीं की।
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'जो हुआ, नहीं होना चाहिए था'
हरभजन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में 'मंकीगेट' पर कहा, 'जाहिर है यह कुछ ऐसा था जिसकी आवश्यकता नहीं थी। उस दिन सिडनी में जो कुछ भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था । लेकिन यह भूल जाना चाहिये कि किसने क्या कहा। आप और मैं दोनों जानते हैं कि सत्य के दो पहलू होते हैं। इस पूरे प्रकरण में किसी ने भी सच्चाई के मेरे पक्ष की परवाह नहीं की।' उन्होंने कहा, 'उन कुछ हफ्तों में मेरी मानसिक स्थिति क्या थी, इसकी किसी ने परवाह नहीं की। मैंने कभी भी इस घटना कहानी के बारे में अपने पक्ष को विस्तार से नहीं बताया लेकिन लोगों को इसके बारे में मेरी आने वाली आत्मकथा में पता चलेगा। मैं जिस दौर से गुजरा था, वो किसी के साथ नहीं होना चाहिए था।'
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