'मेरे परिवार ने सजा भुगती, मुझे ये स्वीकार नहीं': विवाद पर हार्दिक पांड्या ने खुलकर दर्द बयां किया

क्रिकेट
भाषा
Updated Jun 03, 2020 | 13:09 IST

Hardik Pandya reveals: टीम इंडिया के धुरंधर युवा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने खुलकर बयां किया है कि उनके करियर के उतार-चढ़ाव और फिर एक टीवी शो के विवाद ने कैसे उन पर असर डाला।

Hardik Pandya with Natasha
Hardik Pandya with Natasha  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • हार्दिक पांड्या ने लंबे समय बाद खुलकर बयां किया अपना दर्द
  • कॉफी विद करण विवाद और करियर थामने वाली चोट पर कही दिल की बात
  • हार्दिक पांड्या ने बताया कि उनके परिवार ने गलती की सजा भुगती

नई दिल्लीः भारत के स्टार हरफनमौला हार्दिक पांड्या कमर की चोट के कारण फिलहाल टेस्ट क्रिकेट का जोखिम नहीं लेना चाहते और ऐसा इसलिये भी है क्योंकि उन्हें सीमित ओवरों के प्रारूप में अपनी उपयोगिता पता है। पंड्या ने सितंबर 2018 से टेस्ट नहीं खेला है। वह अब तक सिर्फ 11 टेस्ट खेले हैं लेकिन सीमित ओवरों में आक्रामक हरफनमौला के रूप में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। वह पिछले साल कमर के आपरेशन के बाद रिकवरी की ओर हैं।

उन्होंने ‘क्रिकबज’ से कहा, ‘मैं खुद को बैकअप तेज गेंदबाज के रूप में देखता हूं । कमर की सर्जरी के बाद फिलहाल टेस्ट क्रिकेट खेलना चुनौतीपूर्ण होगा।’ उन्होंने कहा, ‘यदि मैं सिर्फ टेस्ट क्रिकेटर होता तो खेल लेता लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि सीमित ओवरों के प्रारूप में मुझे अपनी उपयोगिता पता है।’

मुझे लगा मेरा करियर खत्म हो गया

पांड्या को 2018 में चोट लगी थी जब उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच के दौरान मैदान से स्ट्रेचर से ले जाया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया क्योंकि मैने कभी किसी को यूं स्ट्रेचर पर जाते हुए नहीं देखा। मेरा दर्द कम ही नहीं हो रहा था लेकिन मेरा शरीर तुरंत रिकवरी मोड में चला गया। एशिया कप वैसे भी आराम मिलने से पहले मेरा आखिरी टूर्नामेंट था जिसमें यह चोट लग गई।’

कॉफी विद करण विवाद से सबक मिला

पिछले साल एक टीवी शो पर महिला विरोधी बयानबाजी के कारण विवादों से घिरे पंड्या ने कहा कि उन्होंने अपना सबक सीख लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं उस घटना के बाद समझदार हो गया हूं। मैने जिंदगी में गलतियां की लेकिन उन्हें स्वीकार भी किया। यदि ऐसा नहीं होता तो मैं एक और टीवी शो कर रहा होता। अब मैं उसे सोचकर परेशान नहीं होता क्योंकि हमने एक परिवार के रूप में उसे स्वीकार कर लिया। मुझे सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि मेरी गलती की सजा मेरे परिवार ने भुगती। ये स्वीकार्य नहीं है।’

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