टीम इंडिया के इस क्रिकेटर को अपनी पत्‍नी जैसा मानते हैं शिखर धवन! ऐसे होती है नोंक-झोंक

Shikhar Dhawan on his future: टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन ने कहा कि उन्‍हें भविष्‍य में अच्‍छा हिंदी कमेंटेटर बनने का भरोसा है। संन्‍यास के बाद वह इसमें हाथ आजमाते दिख सकते हैं।

shikhar dhawan
शिखर धवन 
मुख्य बातें
  • शिखर धवन ने कहा कि मुरली विजय से मैदान में उनकी हल्‍की-फुल्‍की कई झड़पे हुईं
  • धवन ने कहा कि विजय दिल के बहुत अच्‍छे इंसान हैं, उनके साथ ओपनिंग करना पसंद
  • धवन ने कहा कि उन्‍हें भविष्‍य में अच्‍छे हिंदी कमेंटेटर बनने का विश्‍वास है

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन ने कहा कि उन्‍हें मुरली विजय के साथ ओपनिंग करने में मजा आता है और वह जल्‍द ही अपने बल्‍लेबाजी जोड़ीदार से मिलकर खूब मजाकिया बातें करने को बेकरार हैं। रविचंद्रन अश्विन के साथ इंस्‍टाग्राम पर बातचीत करते हुए धवन ने बताया कि विकेटों के बीच दौड़ने या फिर अन्‍य मामलों को लेकर कई बार उनकी विजय से झड़प होती होती है, लेकिन दोनों इसे जल्‍द सुलझा लेते हैं।

2013 में अपने टेस्‍ट डेब्‍यू में मुरली विजय के साथ 289 रन की ओपनिंग साझेदारी करने वाले धवन ने बताया कि जब पारी बढ़ाना होती है तो उन दोनों की सोच अन्‍य से कैसे अलग होती है। विजय और धवन ने 24 टेस्‍ट साथ में खेले और इतने सालों में कुछ शानदार साझेदारियां की। धवन ने कहा, 'मुरली विजय मैदान के अंदर और बाहर शानदार आदमी हैं। मैं उन्‍हें बहुत करीब से जानता हूं। वह बहुत अच्‍छे व्‍यक्ति हैं। हर चीज के लिए वो ऐसे कहता कि ऐसे नहीं, ऐसे करते हैं। मैं बिंदास रहता हूं।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'मैं मुरली विजय को बोलता हूं कि तुम मेरी पत्‍नी की तरह हो। कभी जब हम रन नहीं लेते, तो हमारे बीच झड़प होती है, लेकिन यह जल्‍द ही सुलझ जाती है। उन्‍हें समझना काफी मुश्किल है। आपको अगर मुरली विजय को समझना है तो शांत दिमाग और धैर्य की जरूरत है। मगर वो शानदार व्‍यक्ति है। मुझे उसके साथ ओपनिंग करना पसंद हैं। हमने देश के लिए कुछ उम्‍दा प्रदर्शन किए। हम अभी भी बहुत अच्‍छे दोस्‍त हैं। मैं उनके साथ आगे समय बिताना चाहता हूं और जोरदार ठहाके लगाना चाहता हूं। कभी वो कुछ बोलता था तो मुझे समझ नहीं आता था। मगर एक या दो साल में जब मुझे समझ आने लगा कि वो क्‍या बोलता है तो सब ठीक हो गया।'

कमेंट्री में शानदार

इस बीच शिखर धवन ने कहा कि प्रतिस्‍पर्धी क्रिकेट से संन्‍यास लेने के बाद उन्‍हें अच्‍छे हिंदी कमेंटेटर बनने का विश्‍वास है। उन्‍होंने कहा कि संन्‍यास लेने के बाद वह बांसूरी बजाना अच्‍छे से सीखेंगे। भारतीय ओपनर ने बताया कि वह पांच साल से बांसूरी बजाना सीख रहे हैं और इस अनुभव से उन्‍हें बहुत प्‍यार है।

धवन ने कहा, 'मेरा सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार है। जिस दिन मैं कमेंट्री में आउंगा तो शानदार प्रदर्शन करूंगा, हिंदी में विशेषकर। मेरा मजाक करने का टाइमिंग शानदार है। मैं ये बहुत प्‍यार से करूंगा। मेरे पास कई विकल्‍प हैं। मेरे पास बांसूरी है, अगर मैं मोटिवेशनल स्‍पीकर बना तो हमेशा बांसूरी अपने साथ लेकर चलूंगा।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'मैं बांसूरी वाले गीत बहुत सुनता था। मगर कोई सड़क पर ये बजा रहा हो तो मैं वहां होता था और उसके गीत खत्‍म करने का इंतजार करता था। मुझे लगा कि कुछ सीखना चाहिए। मैंने ऑनलाइन क्‍लास लेना शुरू की। अब पांच साल हो चुके हैं। मुझे बहुत खुशी होती है। मुझे बांसूरी बजाने में बड़ा मजा आता है। क्रिकेटर्स होने के नाते, हम कह सकते हैं कि समय नहीं है, लेकिन हमारे पास समय होता है। हर किसी की हॉबी होती है। इससे आपका दिमाग शांत रहता है, जो बहुत-बहुत जरूरी है।'

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