बड़ा ऐलानः आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट में कोविड-19 विकल्प की इजाजत दी, लार से गेंद चमकाने पर अस्थाई बैन

ICC grants permission for Covid-19 substitute: आईसीसी ने कोविड-19 सब्सटिट्यूट को टेस्ट क्रिकेट में मंजूरी दे दी है। इसके अलावा आईसीसी ने कुछ बड़े ऐलान और कर दिए हैं।

ICC grants permission for Covid-19 substitute
ICC grants permission for Covid-19 substitute, कोविड-19 विकल्प को आईसीसी की मंजूरी 
मुख्य बातें
  • आईसीसी ने अहम बैठक में टेस्ट क्रिकेट में कोविड-19 विकल्प की इजाजत दी
  • लार से गेंद चमकाने पर अस्थाई प्रतिबंध
  • अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने अहम बैठक में लिए बड़े फैसले

दुबई: आईसीसी ने टेस्ट मैच के दौरान किसी खिलाड़ी में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर उसकी जगह स्थानापन्न खिलाड़ी को उतारने की मंगलवार को अनुमति दे दी जबकि गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर अस्थायी प्रतिबंध को भी मंजूरी दे दी गई। खेलने के नये नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोरोना महामारी के चलते ‘अंतरराष्ट्रीय यात्रा में लाजिस्टिक की चुनौतियों’ का हवाला देते हुए द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में स्थानीय अंपायरों को भी मंजूरी दे दी।

कोरोना सब्सटिट्यूट का नियम लागू

इसने एक बयान में कहा ,‘‘टेस्ट मैच के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर स्थानापन्न खिलाड़ी को उतारने का विकल्प रहेगा। कनकशन विकल्प की तरह मैच रैफरी इसके विकल्प को मंजूरी देंगे।’’ इसमें यह भी कहा गया, ‘यह नियम वनडे या टी20 में लागू नहीं होगा।’

लार के इस्तेमाल पर बैन

कोरोना काल के दौरान अब खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। ये अस्थाई प्रतिबंध है। आईसीसी ने अपने बयान में कहा, 'खिलाड़ियों को गेंद पर लार से चमकाने की इजाजत नहीं होगी। अगर फिर भी कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो शुरुआती गलती पर अंपायर नरमी दिखाएंगे लेकिन अगर ये बार-बार जारी रहा तो टीम को चेतावनी दी जाएगी। टीम को दो चेतावनी तक छूट होगी लेकिन उसके बाद ऐसा हुआ तो बल्लेबाजी करने पर 5 रन की पेनल्टी लगेगी।' इसके अलावा अंपायरों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसा होता है तो हर बार गेंद को साफ करना होगा।

दो दशक बाद लौटी घरेलू अंपायर की परंपरा

आमतौर पर हर द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज में भी न्यूट्रल देश के अंपायरों का चयन किया जाता था, ताकि किसी टीम को फैसलों पर घरेलू अंपायर होने से ऐतराज ना हो लेकिन कोरोना काल में अंपायरों को फ्लाइट से किसी अन्य देश में ना जाना पड़े इसलिए जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, घरेलू अंपायर के इस्तेमाल की छूट मिलेगी। आईसीसी अपने एलीट पैनल में से उस देश में मौजूद अंपायरों में से चयन करेगा। इसका मतलब ये हुआ कि अगर ये नियम अगले साल की शुरुआत तक लागू रहे तो इंग्लैंड के भारत दौरे पर मैचों में अनिल चौधरी, शमसुद्दीन और नितिन मेनन अंपायरों की भूमिका में होंगे और जवागल श्रीनाथ मैच रेफरी होंगे।

अतिरिक्त DRS मिलेगा

आईसीसी के मुताबिक कई गैर-आईसीसी एलीट पैनल अंपायरों में अनुभव की कमी को देखते हुए एक और बड़ा फैसला लिया गया है। अब मैचों के दौरान दोनों टीमों को हर पारी में एक अतिरिक्त डीआरएस (Decision review system) दिया जाएगा। यानी अब टेस्ट में एक टीम के लिए हर असफल अपील की संख्या बढ़कर तीन हो जाएगी और सीमित ओवर क्रिकेट में दो। 

अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने ये सुझाव दिये थे ताकि क्रिकेट बहाल होने पर कोरोना महामारी के चलते खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

खबर जारी है..

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर